शिरोमणि अकाली दल के 8 बागी नेताओं को पार्टी से किया निष्कासित
चंडीगढ़, 30 जुलाई (ट्रिन्यू)
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बगावती रुख अख्तियार कर रहे आठ नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। इन नेताओं ने पार्टी को बादल परिवार के नियंत्रण से बचाने के लिए सुधार आंदोलन की घोषणा की थी। इसके दो सप्ताह बाद पार्टी ने मंगलवार को यह कदम उठाया।
वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ की अध्यक्षता वाली पार्टी की अनुशासन समिति ने यह निर्णय लिया। बैठक में महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और गुलजार सिंह रानिके सहित अन्य सदस्य फोन के जरिये शामिल हुए। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किए गए आठ वरिष्ठ नेता हैं- गुरप्रताप सिंह वडाला, जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींडसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़। इस समूह ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व को चुनौती दी थी क्योंकि पार्टी 2017 से एक के बाद एक चुनाव हार रही है। नेताओं ने अकाल तख्त जत्थेदार को एक पत्र सौंपकर स्वीकार किया कि पार्टी ने सिख पंथ के खिलाफ कई गलतियां की हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र प्रभारियों के निष्कासन के बाद जो सात निर्वाचन क्षेत्र खाली हुए हैं, वे हैं नकोदर, भोलाथ, घनुआर, सनौर, समाना, गढ़शंकर और राजपुरा। इसने इनमें से सात नेताओं को ‘हल्का प्रभारी’ के पद से भी हटा दिया। इस संबंध में भूंदड़ ने कहा कि उक्त नेताओं को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया गया। संयम बरतने के बजाय इन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों का दायरा बढ़ाया और यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें पार्टी संगठन पर कोई भरोसा नहीं है। अनुशासनहीनता के ऐसे कृत्यों को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। गौर हो कि बगावती तेवर दिखाने वालों में सरवन सिंह फिल्लौर तथा पार्टी के नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर भी शामिल रहे।
बेअदबी आरोप को साजिश करार दिया
इस बीच, एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आज कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में मुख्य आरोपी द्वारा अकाली नेता के खिलाफ लगाए गए आरोप केंद्रीय एजेंसियों और आम आदमी पार्टी (आप) सहित पंजाब विरोधी ताकतों द्वारा शिअद को हाशिए पर धकेलने की सोची-समझी चाल का हिस्सा है।