झज्जर : थाने में घुसकर गौ तस्करों से मारपीट, गौ रक्षक दल के 8 लोग हिरासत में
अदालत ने भेजा जेल, विरोध में लघु सचिवालय में प्रदर्शन
प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर, 9 मार्च
गाय से भरी दो गाड़ियों का पीछा कर रहे गौ रक्षा दल के आठ सदस्यों पर बेरी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोगों ने बेरी थाने में घुसकर गौ तस्करों के साथ मारपीट की। मामला संगीन धाराओं के तहत दर्ज किया गया है और अदालत ने गैर-जमानती धाराएं होने के कारण सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गौ रक्षा दल और विश्व हिंदू परिषद के अन्य सदस्यों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो बड़ी संख्या में लोग पहले बेरी थाने पहुंचे। जब वहां कोई सुनवाई नहीं हुई, तो वे झज्जर के लघु सचिवालय आ पहुंचे। वहां उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा।
गौ रक्षा दल और विहिप पदाधिकारियों का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोग अपराधी नहीं हैं। वे हिंदू संस्कृति और गौ माता की रक्षा के लिए आगे आए थे। उनका आरोप है कि पुलिस को गायों की तस्करी रोकने वाले लोगों को जेल में डालने के बजाय असली तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
कैसे भड़का विवाद?
सूत्रों के अनुसार, शनिवार देर रात दो गाड़ियों में करीब ढाई दर्जन गायों को ठूंस-ठूंस कर भरकर ले जाया जा रहा था। बताया जाता है कि ये लोग मेवात के निवासी हैं। भिवानी से गौ रक्षा दल के सदस्यों ने इन गाड़ियों का पीछा किया। रास्ते में फायरिंग भी हुई, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गोलीबारी किस ओर से हुई।
डर के कारण गौ तस्कर बेरी थाने पहुंच गए, जहां उनका पीछा कर रहे गौ रक्षा दल के सदस्यों ने उन पर थाने में ही हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आठ गौ रक्षकों को हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। चूंकि धाराएं गैर-जमानती थीं, इसलिए सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस इस मामले में अभी कुछ भी कहने से बच रही है, जबकि गौ रक्षा दल और विहिप ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की