रेहड़ियां लगवाने के नाम पर 8.50 करोड़ डकार गई कंपनियां, 3 पर एफआईआर दर्ज
गुरुग्राम, 20 अगस्त (हप्र)
अफसरों ने जिन्हें रखवाली का काम सौंपा उन्हीं स्ट्रीट वेंडिंग ठेकेदारों ने सरकारी खजाने के करीब साढ़े 8 करोड़ रुपये डकार लिये। निगम सदन ने जब दबाव बनाया तो जांच में अफसरों ने कंपनियों को दोषी माना। अब 3 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर विजयपाल यादव ने शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सिटी वेंडिंग प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम के विभिन्न हिस्सों में रेहड़ियां लगवाने के लिए सितंबर 2016 में स्पिक स्पैन प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्ज ईजीएमएसी प्राइवेट लिमिटेड, लियो मीडियाकाॅम और नसवी स्ट्रीट फूड प्राइवेट लिमिटेड को 3 साल के लिए ठेका दिया गया था। इन कंपनियों को रेहड़ी वालों को विशेष कार्ट उपलब्ध करवाकर इनसे 1500 रुपये हर महीने शुल्क वसूलना था। इसमें से नसवी फूड प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू नहीं किया। इसके हिस्से समेत दूसरे और हिस्सों का काम पुनः 2017 में स्पिक स्पैन प्राइवेट लिमिटेड और लियो मीडियाकाॅम को दे दिया। आरोप है कि इन कंपनियों ने मनमर्जी से रेहड़ी चालकों से उगाही की। सीमित संख्या से कई गुना रेहड़ियां लगवा डाली। इन्होंने नगर निगम के हिस्से का पैसा भी निगम के खाते में जमा नहीं करवाया। नियमानुसार 2019 में ठेका समाप्त होने के बाद भी इन ठेकेदारों ने वसूली जारी रखी और निगम में एक पैसा भी जमा नहीं करवाया।
‘बैठकों में उठा मुद्दा, अफसरों ने की अनदेखी’
अचानक शहर में रेहड़ियों की भरमार और निगम को इससे एक पैसे की आय नहीं होने के मामले को पार्षदों ने सदन की बैठकों में उठाया। कई बैठकों में लगातार इस मुद्दे को उठाया गया लेकिन अफसरों ने अनदेखी की तो पार्षदों ने सदन को चलने नहीं दिया। तत्कालीन निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने इस मामले की जांच एडिशनल कमिश्नर रोहताश बिश्नोई को सौंप दी। जांच में सामने आया कि तीनों कंपनियों ने करीब साढ़े 8 करोड़ रुपये का गबन किया है।