76th Republic Day : तीन साल बाद कर्तव्य पथ पर दिखा पंजाबी विरसा, अलग अंदाज से मोह लिया सबका दिल
नई दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा)
76th Republic Day : गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई पंजाब की झांकी में राज्य को ज्ञान और विवेक की भूमि के रूप में प्रदर्शित किया गया। बता दें कि कर्तव्य पथ पर तीन साल बाद पंजाब की झलक दिखाई दी है।
यह झांकी राज्य की ‘इनले-डिज़ाइन' कला और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण थी। पंजाब मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है और ऐसे में झांकी में बैलों की एक जोड़ी को प्रदर्शित किया गया, जो राज्य के कृषि पहलू को दर्शाता है।
झांकी में राज्य की समृद्ध संगीत विरासत को भी दर्शाया गया। इसमें पारंपरिक कपड़े पहने एक व्यक्ति अपने हाथ में ढोलक के साथ तुम्बी और खूबसूरती से सजाए गए मिट्टी का घड़ा पकड़े हुए था। पारंपरिक पोशाक में एक महिला को अपने हाथों से कपड़ा बुनते हुए दिखाया गया था। इस प्रकार फूलों की आकृति से ढकी लोक कढ़ाई की कला को प्रदर्शित किया गया - जो दुनिया भर में "फुलकारी" के रूप में लोकप्रिय है।
झांकी के ट्रेलर भाग में पंजाब के सबसे अधिक पूजनीय व बहुत सम्मानित सूफी संतों में से एक बाबा शेख फरीद, "गंज-ए-शक्कर" (कैंडी का भंडार) को एक पेड़ की छाया में बैठे और गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल भजनों की रचना में लीन दिखाया गया।
बाबा शेख फरीद पंजाबी भाषा के पहले कवि थे जिन्होंने इसे विकसित और पोषित किया, इस प्रकार इसे साहित्यिक क्षेत्र में लाया। उनकी नैतिक शिक्षाएं सभी लोगों को नैतिक सिद्धांतों का पालन करने और ईश्वर के प्रति समर्पित होने पर केंद्रित थीं, और लोगों को विनम्र, संतुष्ट, उदार और दयालु होना चाहिए।