हरियाणा में दो साल में 75 लाख और गरीबी रेखा से नीचे
दीपेंद्र देसवाल/ट्रिन्यू
हिसार, 11 नवंबर
हरियाणा में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की आधार सक्षम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आंकड़ों से पता चला है कि हरियाणा में 1,9890964 लोग गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे रहते हैं। हरियाणा की अनुमानित जनसंख्या 2.80 करोड़ होने से यह संकेत मिलता है कि राज्य में कुल जनसंख्या का लगभग 67% बीपीएल वर्ग में रखा गया है। गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में दर्ज विभाग के पिछले आंकड़ों में कहा गया था कि बीपीएल श्रेणी में 1,2452579 लोग थे जो राज्य में बीपीएल आबादी की बढ़ती संख्या को दर्शाता है। इस प्रकार, भले ही राज्य सरकार का दावा है कि राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, दो वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
राज्य सरकार बीपीएल वर्ग के लोगों को विभिन्न योजनाएं प्रदान करती है जिसमें बीपीएल कार्ड में उल्लेखित प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज (गेहूं या बाजरा) मुफ्त, इसके अलावा बीपीएल कार्ड पर 40 रुपये की कीमत पर दो लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपये किलो चीनी शामिल है। इसके अलावा, विभिन्न विभागों की कई योजनाएं भी हैं जो विशेष रूप से बीपीएल परिवारों के लाभ के लिए बनाई गई हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बीपीएल परिवार के लिए 100 वर्ग गज जमीन देने की घोषणा की है। एक अनुमान के मुताबिक, हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को हर महीने लगभग 10 लाख क्विंटल अनाज के अलावा रियायती दरों पर सरसों का तेल और चीनी मुफ्त में वितरित कर रही है।
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की बढ़ती संख्या से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के राशन डिपो धारक भी हैरान हैं। एक अधिकारी ने कहा, “यह देखा गया है कि केवल दो वर्षों में हरियाणा में लगभग 75 लाख से अधिक लोगों को बीपीएल वर्ग में शामिल किया गया है। परिवारों की स्थिति में सुधार के लिए प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बावजूद, हरियाणा में खुद को बीपीएल के रूप में पंजीकृत कराने की होड़ मची हुई है।’
बीपीएल आबादी की सबसे अधिक संख्या फरीदाबाद जिले (1429691) में है, इसके बाद हिसार और मेवात जिले हैं। पंचकूला में सबसे कम 365412 बीपीएल आबादी है। एक अधिकारी ने बताया कि बीपीएल कार्ड हरियाणा में नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) द्वारा तैयार किए जा रहे परिवार पहचान पत्र के आधार पर जारी किए जा रहे हैं। पीपीपी में पंजीकृत परिवार द्वारा आय का स्व-प्रमाणन किये जाने का प्रावधान है। सरकार ने बीपीएल कार्ड के लिए प्रति परिवार 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष का मानदंड तय किया है। हिसार के एक डिपो धारक ने कहा, ‘इस आय को कभी भी आधिकारिक स्तर पर प्रमाणित या क्रॉस चेक नहीं किया जाता है।’
'' खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग सीधे तौर पर डेटा के संग्रह में शामिल नहीं है। यह नागरिक संसाधन सूचना विभाग के माध्यम से प्राप्त होता है। यह आश्चर्य की बात है कि बीपीएल लाभार्थियों की संख्या में दो वर्षों में लगभग 75 लाख की वृद्धि हुई है। मैं डेटा के संकलन में किसी भी संभावित विसंगतियों को चिह्नित करने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष मामला उठाऊंगा। ''
-राजेश नागर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री।