72 वर्षीय खिलाड़ी का हौसला, अब तक जीते 191 मेडल
प्रदीप साहू/निस
चरखी दादरी, 4 जून
आदमी दृढ इच्छा शक्ति और बुलंद हौसले से आगे बढ़े तो किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। और यह सब कर दिखाया है बाढ़ड़ा क्षेत्र के एथलिट रामकिशन शर्मा ने। रामकिशन शर्मा 65 वर्ष की आयु में खेल को जीवन का हिस्सा बनाकर कड़ी मेहनत से आगे बढ़े और खंड स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया। इसके बाद उनका हौसला बढ़ता गया और बीते सात साल के दौरान उन्होंने इंटरनेशनल, नेशनल व स्टेट प्रतियोगिताओं में 191 मेडल हासिल कर वह कीर्तिमान रचा है, जोकि हर व्यक्ति के लिए प्रेरक है। उन्हें मेडल मशीन के नाम से जाना जाने लगा है। मूल रूप से भांडवा निवासी 72 वर्षीय खिलाड़ी रामकिशन शर्मा पिछले 21 वर्षों में बाढड़ा में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। रामकिशन शर्मा ने फिल्मी कहानी की तर्ज पर आगे बढ़ते हुए अपने शानदार खेल प्रदर्शन की बदौलत महज 7 साल के थोड़े ही समय में अपार सफलता प्राप्त कर खास मुकाम हासिल किया है। अक्तूबर 2016 में बाढड़ा के राजकीय स्कूल में आयोजित खंड स्तरीय ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता देखने गए बुजुर्ग ने जब वहां बुजुर्गों की दौड़ की घोषणा सुनी तो उन्होंने भी दौड़ में भाग लेने का मन बनाया और प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभा रहे दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मास्टर नंदलाल आर्य ने उनको उत्साहित करते हुए आगे खेलने की प्रेरणा दी। खंड स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता और मास्टर नंदलाल के प्रोत्साहन के बाद रामकिशन के हौसले को पंख लग गए। इसका परिणाम उनको दिसंबर 2016 में गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम में आयोजित हरियाणा स्टेट मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मिला। रामकिशन ने इस प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किए। उसके बाद और बुलंद हौसलों के साथ आगे बढ़ते हुए उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नेपाल में आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगिता के तीन गोल्ड सहित अब तक 191 मेडल अपने नाम कर चुके हैं। जिनमें इंटरनेशनल प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल, नेशनल प्रतियोगिता में 93 गोल्ड, 20 सिल्वर व 5 ब्रांज मेडल, और स्टेट प्रतियोगिता में 70 गोल्ड मेडल शामिल हैं।