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देश की 70 प्रतिशत शहरी आबादी मोटापे की चपेट में!

06:47 AM Mar 04, 2024 IST
देश की 70 प्रतिशत शहरी आबादी मोटापे की चपेट में
चंडीगढ़ में विश्व मोटापा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जानकारी देते पीजीआई के सर्जरी विभाग के पूर्व प्रो. डॉ अरुणांशु बेहरा व सीनियर बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जन डॉ. अमित गर्ग। -ट्रिब्यून
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 3 मार्च
मोटापा जीवनशैली से जुड़ी अनेक बीमारियों का शुरुआती संकेत होता है। कुछ आदतों को दिनचर्या का हिस्सा बना लें, तो स्वस्थ व खुशहाल जिंदगी का आनंद उठा सकते हैं। एक शोध के अनुसार मोटापे से ग्रस्त लोगों की सबसे अधिक संख्या वाले शीर्ष 10 देशों की इस वैश्विक खतरे की सूची में भारत तीसरे नंबर पर हैं। अमेरिका पहले और चीन दूसरे नंबर पर है। भारत की शहरी आबादी का 70 प्रतिशत चिंताजनक रूप से मोटापे या अधिक वजन वाले वर्ग में है। चंडीगढ़ की लगभग 56 प्रतिशत आबादी और पंजाब में 49 प्रतिशत वृद्ध वयस्क मोटापे से ग्रस्त हैं।
वर्ल्ड ओबेसिटी डे (विश्व मोटापा दिवस) पीजीआई के सर्जरी विभाग के पूर्व प्रो. डॉ अरुणांशु बेहरा और सीनियर बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जन डॉ. अमित गर्ग ने साझा किया कि भारत की 30 मिलियन वयस्क आबादी मोटापे से ग्रस्त है। मोटापा व्यापक रूप से प्रचलित टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण है और आम तौर पर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, डिप्रेशन, मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं, बांझपन, हर्निया, कैंसर और हार्ट फेल होने का कारण भी है। डॉ अरुणांशु बेहरा ने कहा, यह एक आम मिथक है कि मोटापा अमीर लोगों की बीमारी है। दरअसल, मोटापा सिर्फ अधिक खाने से ही नहीं, बल्कि खान-पान की गलत आदतों को अपनाने से भी होता है। इसलिए, मोटापा अमीर और गरीब दोनों को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वजन का 5-10 प्रतिशत भी कम करने से मोटापे के कारण होने वाली बीमारियां को रोका जा सकता है, लेकिन ऐसी स्थितियां भी होती हैं जब मोटापे से निपटने के लिए अकेले सर्जरी ही सबसे अच्छा विकल्प होता है।

मोटापे के दुष्प्रभाव

उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, दिल के रोग, मधुमेह,पित्ताशय के रोग, स्ट्रोक, ऑस्टियोपोरोसिस, कैंसर, फैटी लीवर, श्वास संबंधी विकार, तनाव, चिंता, अवसाद और मूड में बदलाव हो जाता है।
वजन कम करने के टिप्स : ताजे फल और सब्जियां खूब खाएं और तले हुए खाद्य पदार्थ कम खाएं। अपने आहार में साबुत अनाज, दालें और अंकुरित अनाज जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। अपनी सब्जियों को तलने के बजाय उन्हें भाप में पकाना पसंद करें।अधिक मात्रा में भोजन करने के बजाय नियमित रूप से हर 2-3 घंटे में थोड़ा-थोड़ा भोजन करें। अपने आहार में चीनी, शराब और वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। उच्च वसा वाले दूध की तुलना में कम वसा वाले दूध को प्राथमिकता दें। वजन कम करने के लिए अपने आहार को कार्बोहाइड्रेट और वसा के बजाय प्रोटीन से समृद्ध करें। अपने शरीर के वजन को नियंत्रण में रखने के लिए रोजाना व्यायाम करें। लिफ्ट या एस्केलेटर का उपयोग करने के बजाय सीढ़ियां चढ़ना पसंद करें। अपने कार्यस्थलों पर लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें। बार-बार छोटे-छोटे ब्रेक लें।

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