70 डाॅक्टर आयुष्मान में नियुक्त, लंबित पेमेंट जल्द होगी रिलीज
चंडीगढ़, 2 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार करने वाले प्राइवेट अस्पताल समय पर भुगतान नहीं होने की वजह से सोमवार से ही हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर यह हड़ताल हुई है। हालांकि सरकार के पास हड़ताल की अवधि में भी फरीदाबाद व हिसार को छोड़कर बाकी 20 जिलों से 70 से 80 प्रतिशत तक मरीजों के भर्ती होने की रिपोर्ट आ रही है। ऐसे में हड़ताल का अधिक असर नहीं दिखता।
वहीं दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ बुधवार को चंडीगढ़ में आईएमए प्रतिनिधिमंडल की बैठक होगी। इसमें आईएमए की सभी समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सीएम नायब सिंह सैनी ने भी मंगलवार को कहा कि डॉक्टरों से जुड़ी सभी समस्याओं को एक-दो दिन में निपटा दिया जाएगा।
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों के बिलों का समय पर भुगतान करने के लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। आयुष्मान भारत – हरियाणा योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त उपचार की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्रदेशभर में सैकड़ों की संख्या पर विभिन्न बीमारियों से जुड़े अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है। आईएमए की मांग को मानते हुए सरकार इन अस्पतालों में उपचार की दरों में भी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर चुकी है। सरकार ने शहरों के हिसाब से रेट तय किए हुए हैं। उसी हिसाब से बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई दरों का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नोटिफिकेशन जारी होने की डेट से ही अस्पतालों को भुगतान होगा। नोटिफिकेशन की डेट के बाद अभी तक पुरानी दरों पर अगर भुगतान हुआ है तो विभाग द्वारा इसका एरियर दिया जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों के 160 करोड़ रुपये के लगभग बकाया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों की पेमेंट करने के लिए फाइनेंस विभाग से 257 करोड़ रुपये हासिल भी कर लिए हैं। अस्पतालों के पुराने 50 हजार क्लेम निपटाए जा चुके हैं। वर्तमान में 1 लाख 20 हजार के लगभग और नये क्लेम हैं। इन्हें जल्द निपटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 70 और डॉक्टरों की ड्यूटी आयुष्मान भारत में लगाई है। हर डॉक्टर को 1500 क्लेम निपटाने का जिम्मा दिया है। कुल 100 डॉक्टर यह काम देख रहे हैं। 15 जुलाई तक सभी लंबित क्लेम निपटाने का लक्ष्य रखा है।
वहीं, अस्पतालों की ओर से मरीजों के उपचार के बाद भेजे जाने वाले बिलों की जांच व सत्यापन के लिए अभी तक मुख्यालय स्तर पर एक ही अधिकारी के पास जिम्मा था। अब सरकार ने सभी 22 जिलों में कमेटियों का गठन कर दिया है। इन कमेटियों में आईएमए से भी एक प्रतिनिधि होगा ताकि बिलों में होने वाली कटौती पर किसी तरह का कोई विवाद ना हो। इस बीच, मंगलवार को भी विभाग की ओर से अस्पतालों को 18 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
हमारा सबसे बड़ा मुद्दा पेमेंट का ही है। इसमें देरी नहीं होनी चाहिए। पहली जुलाई से हड़ताल जारी है। बुधवार को विभाग के अतिरिक्त मुख्यस सचिव के साथ वार्ता होगी। उसमें सभी समस्याओं को उठाया जाएगा। बैठक के बाद ही हड़ताल को लेकर आगे का फैसला लिया जाएगा। यह बात ठीक है कि पुरानी पेमेंट रिलीज होनी शुरू हो गई है लेकिन इसकी स्पीड काफी धीमी है। बिलों में कटौती के लिए भी पैमाना होना चाहिए। गलत तरीके से बिलों में कटौती सही नहीं है।
-डॉ़ अजय महाजन, आईएमए अध्यक्ष।
आयुष्मान भारत योजना गरीब परिवारों के लिए काफी अहम है। सरकार इसके लिए काफी गंभीर है। आईएमए की अधिकांश मांगों पर सरकार सहमत है। पुराने क्लेम निपटाए जा रहे हैं। नये क्लेम प्रक्रिया में हैं। अस्पतालों के क्लेम जल्द निपटाने के लिए आयुष्मान को 70 और डॉक्टर दिए हैं। अस्पतालों में उपचार की दरों में भी 30 से 40 प्रतिशत का इजाफा किया है। नोटिफिकेशन की डेट से ही बढ़ी हुई दरें लागू होंगी। बिलों की कटौती के लिए जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया जा चुका है।
-सुधीर राजपाल, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव।