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परमाणु ऊर्जा के लिए 7 साल और इंतजार

06:04 AM Dec 05, 2024 IST

चंडीगढ़, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा को परमाणु ऊर्जा के लिए अभी सात से आठ साल और इंतजार करना होगा। प्रदेश का पहला परमाणु उर्जा संयंत्र फतेहाबाद के गोरखपुर गांव में स्थापित किया जा रहा है। करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्लांट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रखी थी। अब केंद्र की मोदी सरकार इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है। यह प्लांट बनने के बाद हरियाणा को 2800 मेगावाट और बिजली मिल सकेगी।
शुरुआती दौर में इस प्लांट का विरोध हुआ था। जिस एरिया में यह प्लांट स्थापित किया जा रहा है, वहां सघन जंगल का एरिया भी है। ऐसे में बिश्नोई समाज के लोगों की ओर से इसका विरोध किया गया था। हालांकि, बाद में केंद्र की ओर से तय की गई शर्तों और समाज की आशंकाओं को दूर करने के बाद इस प्लांट पर काम शुरू हो पाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परमाणु प्लांट को लेकर सवाल किया। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ़ जितेंद्र सिंह की ओर से दिए गए रिप्लाई में बताया गा है कि कुल 2800 मेगावाट के इस प्लांट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। 700-700 मेगावाट की कुल चार यूनिट परमाणु उर्जा संयंत्र में स्थापित होंगी। पहले चरण में 700-700 मेगावाट की दो यूनिट पर काम शुरू किया जा चुका है। साथ ही, दूसरे चरण पर भी शुरुआती काम शुरू हो चुका है।
पहला चरण, 2031 में पूरा होगा और इसकी दो यूनिट पर करीब 20594 करोड़ रुपये की लागत आएगी। दूसरे चरण की बाकी दो यूनिट्स स्थापित करने में लगभग 21 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण पर अभी तक 7 हजार 161 करोड़ रुपये तथा दूसरे चरण की दो यूनिट पर 201 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। दूसरा चरण 2032 तक पूरा होने का अनुमान केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया है।

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उपकरणों के लिए दिए ऑर्डर

केंद्र सरकार ने खुलासा किया है कि परमाणु उर्जा संयंत्र में लंबी अवधि में तैयार होने वाले उपकरणों के लिए आदेश दिए जा चुके हैं। इनमें से कुछ उपकरणों की डिलीवरी भी हो चुकी है। इतना ही नहीं, मुख्य संयंत्र में सिविल पैकेज, नाभिकीय आइसलैंड पैकेज, मुख्य संयंत्र और स्विचार्ड पैकेज, टर्बाइन आइसलैंड पैकेज, आईडीसीटी पैकेज, जल परिवहन प्रणाली के लिए कांट्रेक्ट किए जा चुके हैं। इसी तरह से विभिन्न भवनों का निर्माण गोरखपुर के इस प्लांट में चल रहा है। जमीन की जांच आदि कार्य भी पूरे किए जा चुके हैं।

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