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7 कर्मचारी निलंबित, 10 को कारण बताओ नोटिस

07:45 AM Aug 20, 2024 IST

शिमला, 19 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की सिरमौर जिले की नौहराधार शाखा में 4 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। बैंक प्रबंधन ने इस मामले की सीबीआई जांच करवाने का फैसला लिया है। धोखाधड़ी के मामले में बैंक के 7 कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है जबकि 10 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब संतोषजनक न पाए जाने की स्थिति में इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
घोटाला सामने आते ही बैंक प्रबंधन ने शाखा के सहायक प्रबंधक ज्योति प्रकाश को निलंबित कर दिया है और उसका हेडक्वार्टर शिमला फिक्स किया गया है। जानकारी के अनुसार बैंक प्रबंधन को 3 अगस्त को घोटाले के बारे में पता चला। करीब एक सप्ताह तक बैंक प्रबंधन ने खुद मामले की छानबीन की। इसके बाद 10 अगस्त को संगड़ाह पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। इसके बाद राज्य सहकारी बैंक मुख्यालय शिमला की टीम ने मौके पर बैंक के सारे दस्तावेजों की जांच की। अभी तक 4 करोड़ रुपये की गड़बड़ का पता चला है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी ने लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से केसीसी लिमिट बनवाई। कई लोगों की लिमिट पर फर्जी तरीके से लोन लिया। कुछ लोगों की एफडीआर का पूरा पैसा ही गबन कर दिया गया। कुछ लोगों की एफडीआर पर लोन ले लिया, कुछ के केसीसी अकाउंट से भी बड़ी रकम की हेराफेरी की गई।

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घोटाला बैंक के लिए बेहद चिंतनीय

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं बैंक के लिए बेहद चिंतनीय व अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि बैंक के ही एक सहायक प्रबंधक द्वारा फर्जी ऋण खाते खोलकर पैसे का गबन किया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार अभी तक लगभग 4.02 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला है। उन्होंने कहा कि विस्तृत विभागीय जांच जारी है तथा गहन जांच पड़ताल उपरांत ही सही पता चल पायेगा कि संबंधित कर्मचारी ने कितनी रकम की हेराफेरी की है। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए तथा नाबार्ड द्वारा तय मानदों के अनुरूप इसकी जांच सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया है और यह पूरा मामला सीबीआई को जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बैंक के सभी ग्राहकों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा बैंक में जमा पूंजी पूरी तरह से सुरक्षित है और उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

घोटाला बैंक व ग्राहकों के साथ विश्वासघात

बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने कहा कि बैंक कर्मचारी संस्था की रीढ़ हैं और उनके द्वारा इस प्रकार की धोखाधड़ी को अंजाम देना बैंक व ग्राहक समुदाय के साथ जघन्य विश्वासघात है।
इस प्रकार के कृत्यों को अंजाम देना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा।

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