For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

अस्पताल में आग लगने से 7 बच्चों की मौत

07:22 AM May 27, 2024 IST
अस्पताल में आग लगने से 7 बच्चों की मौत
पूर्वी दिल्ली के िववेक िवहार में बच्चों के अस्पताल में आग की घटना के बाद फाॅरेंसिक विशेषज्ञ मौके से सैंपल एकत्र करते हुए।-प्रेट्र
Advertisement

हादसों का वीकएंड

नयी दिल्ली, 26 मई (एजेंसी)
पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में बच्चों के एक अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हो गयी। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने बताया कि ‘बेबी केयर न्यू बॉर्न’ अस्पताल में शनिवार रात करीब 11:30 बजे आग लगी और जल्द ही यह दो अन्य इमारतों में भी फैल गई। संभागीय अग्निशमन अधिकारी राजेंद्र अटवाल ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 16 गाड़ियों को लगाया गया। उन्होंने बताया कि दो मंजिला इमारत में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर में विस्फोट हुआ, जिससे आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।

घटना के चलते शोकाकुल अस्पताल में भर्ती एक बच्चे का पिता। -प्रेट्र

डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि 12 नवजात शिशुओं को अस्पताल से निकाला गया, लेकिन उनमें से सात की मौत हो गई। पांच शिशुओं का एक अन्य अस्पताल में इलाज किया जा रहा है और उनमें से कुछ मामूली रूप से झुलसे हैं।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ स्थानीय निवासियों ने पीछे से इमारत में प्रवेश कर कुछ बच्चों को निकाला। मदद के लिए पहुंचे गैर सरकारी संगठन शहीद सेवा दल के एक सदस्य ने दावा किया कि आग लगने के तुरंत बाद अस्पताल के कर्मचारी भाग गए। एक अन्य निवासी मुकेश बंसल ने दावा किया कि इमारत में ऑक्सीजन सिलेंडर में दोबारा ऑक्सीजन भरने का काम अवैध तरीके से किया जा रहा था।
इस बीच, अस्पताल के मालिक नवीन किची और हादसे के वक्त ड्यूटी पर मौजूद रहे डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली सरकार ने अग्निकांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के अनुसार, अस्पताल के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी थी और अग्निशमन विभाग का अनापत्ति पत्र भी नहीं था।

Advertisement

अस्पताल से आग की घटना के बीच एक नवजात को सुरक्षित निकालते लोग। -प्रेट्र

एक अन्य घटना में पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में शनिवार देर रात चार मंजिला आवासीय इमारत में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोगों को बचा लिया गया। पता चला है कि आग मकान की पार्किंग में खड़े 11 दोपहिया वाहनों में लगी और पहली मंजिल तक फैल गई।
अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि 66 वर्षीय परमिला शाद नाम की महिला का जला हुआ शव इमारत की पहली मंजिल पर मिला। अस्पताल में भर्ती कराए गए दो अन्य लोगों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उनकी पहचान 18 वर्षीय केशव शर्मा और 34 वर्षीय अंजू शर्मा के रूप में की गई है। रात ढाई बजे लगी आग पर सुबह 7:20 बजे काबू पाया जा सका।

अपने बच्चों की पहचान का प्रयास कर रहे परिवार

अस्पताल में आग लगने की घटना में जान गंवाने वाले शिशुओं के परिजन उनकी पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। अपनी 11 दिन की बेटी को खोने वाले पिता ने कहा, ‘अल्लाह को प्यारी हो गई मेरी बेटी।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी का जन्म 15 मई को दूसरे अस्पताल में हुआ था। उन्होंने हमसे उसे चिकित्सा निगरानी के लिए 72 घंटे तक ‘चाइल्ड केयर’ अस्पताल में रखने के लिए कहा। उसके बाद, हमने उसे चाइल्ड केयर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह पिछले 10 दिनों से थी।’ सत्रह दिन की बच्ची रूही को दो दिन पहले बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आग लगने से उसकी मौत हो गई। रूही की मां ने कहा, ‘कल मैं अपने बच्ची से मिली और आज सुबह हमें आग लगने की सूचना मिली। तब से हम उसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें नहीं पता था कि यह अस्पताल हमारी इकलौती बच्ची को छीन लेगा।’

Advertisement

मनाली : ब्यास में बहे 2 सैलानी

शिमला (हप्र) : कुल्लू घाटी की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली के नेहरू कुंड के समीप दो सैलानी पैर फिसलने के कारण ब्यास नदी की तेज धारा में बह गए। मनाली पुलिस की टीम ने इनमें से एक युवती का शव बरामद कर लिया है, जबकि युवक की तलाश की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार नेहरू कुंड में कुछ सैलानी नदी किनारे अठखेलियां कर रहे थे। इस दौरान युवती का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गयी। उसके साथ आए युवक ने उसे बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी। हादसे में मारी गयी युवती की पहचान मध्य प्रदेश की रहने वाली रिचा तिवारी (23) के रूप में हुई है। जबकि पानी में बह गए युवक की पहचान सौरभ शाह (32) निवासी हैदराबाद के रूप में हुई है। डीएसपी केडी शर्मा ने बताया कि लापता युवक की तलाश की जा रही है। युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। युवती के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है और मनाली पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई है।

भूस्खलन 670 के मारे जाने की आशंका

मेलबर्न (एजेंसी) : अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने रविवार को अनुमान जताया कि पापुआ न्यू गिनी में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन से 670 लोगों की मौत होने की आशंका है। दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के मिशन प्रमुख सेरहान एक्टोप्राक ने कहा कि मौत का संशोधित आंकड़ा यमबली गांव और एंगा प्रांतीय अधिकारियों की इस गणना पर आधारित है कि शुक्रवार को भूस्खलन के कारण 150 से अधिक मकान दब गए हैं, जबकि पहले 60 मकान दबने का अनुमान जताया गया था। एक्टोप्राक ने कहा, ‘वे अनुमान लगा रहे हैं कि 670 से अधिक लोग मिट्टी के नीचे दबे हैं।’ स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को भूस्खलन के कारण 100 लोगों की मौत होने की आशंका जताई थी। रविवार तक केवल पांच शव मिले हैं। राहत कार्य जारी है और बचावकर्मी जीवित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। एक्टोप्राक ने कहा कि सहायताकर्मियों ने छह से आठ मीटर (20 से 26 फुट) गहराई में जमीन और मलबे के नीचे लोगों के जीवित मिलने की उम्मीद छोड़ दी है। देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत में शुक्रवार को भूस्खलन के कारण लोग दब गए थे।

राजकोट की घटना पर अदालत ने लिया स्वत: संज्ञान

कहा- प्रथम दृष्टया ‘मानव निर्मित आपदा’
हादसे में 27 लोगों की गयी जान

अहमदाबाद (एजेंसी) : गुजरात हाईकोर्ट की एक विशेष पीठ ने रविवार को राजकोट के एक गेम जोन में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘मानव निर्मित आपदा’ बताया है। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव और न्यायमूर्ति देवन देसाई की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे गेमिंग जोन और मनोरंजक सुविधाएं सक्षम अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी के बिना बनाए गए हैं। पीठ ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों के अधिवक्ताओं को निर्देश दिया कि वे सोमवार को उसके समक्ष इस निर्देश के साथ उपस्थित हों कि कानून के किन प्रावधानों के तहत अधिकारियों ने इन इकाइयों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थापित किया या संचालित करना जारी रखा। न्यायालय ने कहा, ‘हम समाचार पत्रों की रिपोर्ट पढ़कर आश्चर्यचकित हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि राजकोट में गेमिंग जोन को बनाने में गुजरात समग्र सामान्य विकास नियंत्रण विनियम में खामियों का फायदा उठाया गया है। जैसा कि समाचार पत्रों में छपा है कि ये गेमिंग जोन सक्षम अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन लिये बिना बने हैं।’

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×