PGI Chandigarh 'सारथी अभियान' के 67 एनएसएस छात्रों को किया सम्मानित
छोटी-छोटी मददों में भी छुपी होती है जीवनभर की खुशी: पीजीआईएमईआर निदेशक
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 जनवरी
'छोटी-छोटी मददों में भी ऐसी खुशी है, जो जीवनभर आपके साथ रहती है। सारथी अनुभव को एक तीर्थयात्रा के रूप में देखिए,' ये शब्द पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने आज यहां ‘सारथी प्रोजेक्ट’ के तहत 67 एनएसएस छात्रों के सम्मान समारोह में कहे।
समारोह में प्रो. विवेक लाल ने स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए कहा, “पीजीआईएमईआर में मरीजों की संख्या अत्यधिक है, और यही वह चुनौती है, जिसे दूर करने के लिए सारथी जैसे प्रयास आवश्यक हैं। आप केवल मदद नहीं कर रहे, आप उन मरीजों की यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं, जो आपकी मदद से उनके संघर्षों को हल्का कर पा रहे हैं। एक सरल मुस्कान, एक मदद का हाथ, यह सब बेहद प्रभावी साबित हो सकता है।"
स्वामी विवेकानंद के शब्दों में उन्होंने कहा, "सच्चा सुख दूसरों की सेवा में है। आप जब दूसरों की मदद करते हैं, तो आप केवल उनकी जिंदगी नहीं बदल रहे, बल्कि खुद को भी एक अमूल्य संतोष दे रहे हैं।"
‘सारथी’ प्रोजेक्ट का प्रभाव
डीडीए पीजीआईएमईआर पंकज राय ने सारथी प्रोजेक्ट की शानदार यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “यह पहल मात्र 22 स्वयंसेवकों के साथ शुरू हुई थी, लेकिन अब इसमें 425 लोग शामिल हो चुके हैं, जिन्होंने मात्र आठ महीनों में 2,50,000 घंटे की सेवा दी है। इसका सीधा असर प्रतीक्षा समय को कम करने, मरीजों की संतुष्टि बढ़ाने और संसाधनों के बेहतर उपयोग में हुआ है। इसके अलावा, देशभर के 750 अस्पतालों ने इस पहल को अपनाया है, जिससे यह प्रोजेक्ट स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है।”
सम्मान समारोह में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस सम्मान समारोह में प्रो. अशोक कुमार, अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक; घनश्याम दास, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (सतर्कता); नेमी चंद, एनएसएस नोडल अधिकारी; और मोनिका डोरा, एनएसएस समन्वयक जैसे प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे। समारोह का समापन छात्र-छात्राओं को उनके योगदान के लिए प्रमाणपत्र देकर किया गया। यह समारोह सारथी प्रोजेक्ट की सफलता और उसके भविष्य की दिशा को लेकर एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ।