For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

60 आईएफएस परिवीक्षार्थियों ने किया यमुनानगर का भ्रमण

09:03 AM May 07, 2024 IST
60 आईएफएस परिवीक्षार्थियों ने किया यमुनानगर का भ्रमण
यमुनानगर में पहुंचे आईएफएस परिवीक्षार्थी। -हप्र
Advertisement

यमुनानगर, 6 मई (हप्र)
60 आईएफएस परिवीक्षार्थियों ने यमुनानगर का भ्रमण किया। उनके टूर प्रभारी अमित कुमार के साथ कलेसर रेस्ट हाउस में वरेंदर गिल डीसीएफ यमुनानगर और राजेश गुलिया आईएफएस (सेवानिवृत्त) द्वारा स्वागत किया गया।
उन्हें हरियाणा और यमुनानगर में कृषि वानिकी, वन आवरण, वृक्ष आवरण और लकड़ी आधारित उद्योगों के बारे में बताया। इसके बाद यह टीम खेतों पर कृषि वानिकी कार्य देखने के लिए कलेसर और शगनपुर गांव में गई।
उन्होंने प्रतापनगर ब्लॉक के गांव किशनपुर में प्लाईवुड उद्योग का भी दौरा किया। उन्होंने छछरौली में चिनार की नर्सरी का भी दौरा किया। इस अवसर पर राजेश गुलिया ने कहा कि हरियाणा की धरती पर आपका स्वागत है। इस समय हम सभी हरियाणा के उत्तरी भाग में हैं। यमुनानगर और जगाधरी जुड़वां शहर के नाम से प्रसिद्ध हैं। यह शहर पीतल उद्योग के लिए प्रसिद्ध है और भारत में लकड़ी आधारित उद्योगों का सबसे बड़ा केंद्र भी है।
यहां 842 प्लाईवुड इकाइयां, 456 पीलिंग इकाइयां और लगभग 915 आरा मिलें और अन्य इकाइयां हैं, जिनकी कुल संख्या 2214 इकाइयां हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में वन आवरण 3.59% और वृक्ष आवरण 3.25% है। कुल 6.84% है। हरियाणा में 33 प्रतिशत वन क्षेत्र का लक्ष्य हासिल करना काफी असंभव है।
चिनार और नीलगिरी हरियाणा में कृषि वानिकी की दो मुख्य कृषि प्रजातियां हैं, जो मुख्य रूप से यमुना, गंगा और ब्यास नदी बेसिन में उगाई जाती हैं। चिनार की खेती यमुनानगर के प्रताप नगर ब्लॉक, छछरौली ब्लॉक और जगाधरी ब्लॉक के क्षेत्र में की जाती है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×