स्वर्ण जीतने वाले सुमित को 6 करोड़, रजत जीतने पर योगेश कथुनिया को 4 करोड़
चंडीगढ़, 30 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने टोक्यो में चल रहे पैरालम्पिक खेलों में भाला फेंक में विश्व रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीतने पर सुमित अंतिल और डिस्कस थ्रो एफ-56 में रजत पदक जीतने पर योगेश कथुनिया को क्रमश: 6 करोड़ और 4 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है। दोनों को हरियाणा सरकार सरकारी नौकरी भी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालम्पिक में भाला फेंक खेल में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा वासियों के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया है। मुख्यमंत्री ने सुमित के जज्बे को सलाम करते हुए उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिस्कस थ्रो एफ-56 में रजत पदक जीतने वाले बहादुरगढ़ के योगेश कथुनिया ने हरियाणा ही नहीं देश का भी मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने योगेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी है। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक खेलों में आज जन्माष्टमी के दिन भारत के खिलाड़ियों ने एक ही दिन में 5 मेडल जीत कर कमाल कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों टोक्यो ओलंपिक के दौरान भी देश के खिलाड़ियों ने कमाल किया था और 7 मेडल जीते थे जिसमें से एक गोल्ड मेडल हरियाणा के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने जीता था।
सुमित आंतिल ने पैर में जख्म के बावजूद टोक्यो में मचाया धमाल
हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 30 अगस्त
टोक्यो पैरालंपिक में सोमवार को एक बार फिर हरियाणा के छोरे अपने शानदार और जानदार प्रदर्शन के बूते छा गए। सोनीपत के गांव खेवड़ा के सुमित आंतिल ने पैर में जख्म होने के बावजूद नए विश्व रिकॉर्ड के साथ जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। जैवलिन फेंकते ही उन्होंने विजयी हुंकार भर कर जीत का संकेत दे दिया और अगले ही पल वह सही साबित हुए। उनकी जीत से उनके गांव खेवड़ा में खुशी की लहर दौड़ गई। देखते ही देखते गांव की गलियां ढोल नगाड़ों से गूंज उठी और फिर शुरू हुआ लड्डू बांटने का दौर चलता रहा। गोल्ड मेडल जीतने के बाद शाम को सुमित ने अपने मां निर्मला देवी और परिजनों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की और सभी को अपना पदक दिखाया। इस दौरान जब मां सामने आई तो पहले उससे आशीर्वाद लिया।
सुमित के ताऊ राजकुमार आंतिल ने बातचीत में बताया कि अभ्यास के दौरान उनके पैर में जख्म बन गए थे। जख्मों की चिंता किए बगैर दिनभर अभ्यास में जुटे रहे और आज गोल्ड मेडल जीत कर ही दम लिया। युवा सुमित आंतिल (23) तीन बहनों के इकलौते भाई हैं। जब सात साल के थे तो उनके पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई। निर्मला देवी ने बताया कि सुमित 2015 में 12वीं कक्षा में था। कोचिंग से वापस आते समय ट्रैक्टर ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें सुमित को अपना पैर गवांना पड़ा था।
चलने की उम्मीद खो चुके योगेश ने डिस्कस थ्रो में जीता रजत

परिवार के अन्य सदस्य खुशी मनाते हुए। -निस
रोहित विद्यार्थी/निस
बहादुरगढ़, 30 अगस्त
मात्र 8 वर्ष की आयु में ही हाथ व पैरों से पैरालाइज होने से सही से चलने-फिरने में लाचार हुए बहादुरगढ़ के योगेश कथूनिया ने अपनी हिम्मत नहीं हारते हुए जन्माष्टमी के दिन देश व हरियाणा प्रदेश का नाम विदेशों तक चमकाया। बहादुरगढ़ के बराही रोड के साथ लगती राधा कॉलोनी के रहने वाले योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रोअर (श्रेणी एफ-56 में ) रजत पदक जीतकर बहादुरगढ़ का नाम भी विदेशों तक रोशन किया। उनकी जीत से सेना से सूबेदार से सेवानिवृत उनके दादा, ऑनरी कैप्टन के पद से सेवानिवृत पिता के अलावा चाचा ने भी खुशी जताई। विजेता रजत पदक खिलाड़ी योगेश कथूनिया की मां मीना देवी ने बताया कि उसके स्वदेश लौटने पर मनपसंद उसे रस मलाई व दाल चूरमा खिलाकर उसका जोरदार स्वागत भी किया जाएगा। परिवार के सदस्य मुकाबला देखने के लिए सुबह ही टीवी के सामने बैठ गए थे। योगेश अभी 24 साल के हैं और जब वह 8 वर्ष के थे तो अचानक पार्क में खेलते समय ही उसकी तबीयत खराब हो गई थी। जब उसे जांच कराई गई तो पता चला कि उसे पैरालाइज हो चुका है। उसके बाद उसे सेना के अस्पताल से लेकर अन्य जगहों पर भी उसका खूब इलाज कराया, लेकिन उसके स्वास्थ्य में ज्यादा सुधार नहीं हुआ। पिता की मानें तो एक बार तो डाक्टर ने बताया था वह चल ही नहीं पाएगा, लेकिन योगेश की हिम्मत व हमारे अथक प्रयासों व लोगों की दुआओं के चलते काफी हद तक उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ।