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6 लोगों की हत्या के दोषी कोच को सुनाई फांसी की सजा

07:59 AM Feb 24, 2024 IST
6 लोगों की हत्या के दोषी कोच को सुनाई फांसी की सजा
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हरीश भारद्वाज/हमारे प्रतिनिधि
रोहतक, 23 फरवरी
जाट कालेज अखाड़ा हत्याकांड में शुक्रवार को अतिरिक्त सेशन जज डॉ. गगनगीत कौर की अदालत ने ढाई साल के मासूम सरताज सहित छह लोगों की नृशंस हत्या के दोषी सुखविंदर सिंह को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने हत्याकांड के दोषी सुखविंदर सिंह पर अलग-अलग धाराओं के तहत कुल 1,11,000 का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, सुखविंदर सिंह को हथियार देने वाले उत्तर प्रदेश निवासी मनोज शर्मा को कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत 3 साल की कैद व 5000 जुर्माना लगाया है। अदालत के फैसले पर पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने संतोष जताते हुए इसे न्याय पूर्ण बताया है। भावुक हुए परिजनों ने बताया कि जिस समय जज ने फैसला सुनाया उसे समय हमें लग रहा था कि हमारा भाई हमारे बीच में है। वहीं, दोषी सुखविंदर के वकील गौरव हुड्डा ने इस फैसले को
ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अदालत ने पूरा पक्ष नहीं जाना, उन्होंने सिर्फ यह देख लिया की मर्डर हुए हैं।
मृतक मनोज के भाई प्रमोद ने बताया कि उनके भाई मनोज व सुखविंदर के बीच पारिवारिक रिश्ते थे। घटना वाले दिन शाम को सुखविंदर अखाड़े में पहुंचा उस समय खिलाड़ियों का रेस्ट टाइम होता है। उन्होंने बताया कि सुखविंदर एक एक कर बुलाता गया और हत्या करता गया। प्रमोद ने बताया कि जब भी सुखविंदर वहां जाता था तो उनके भतीजे ढाई वर्षीय सरताज को जरूर लाड प्यार करता था। उसने बताया कि घटना वाले दिन भी सुखविंदर ने सरताज को गोदी में लेकर गोली मारी थी। प्रमोद ने बताया सुखविंदर ने उसकी 5 वर्षीय बच्ची फ्रांसी को भी पकड़ा था लेकिन वह बच्चों में खेलने की बात कह कर छुड़ाकर भाग गई।
मृतक प्रदीप मलिक के भाई विक्रम मलिक व मृतक मनोज के भाई प्रमोद ने अदालत का आभार जताते हुए कहा कि माननीय अदालत ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। उन्हें उम्मीद है कि ऊपरी अदालत भी इस फैसले को बरकरार रखते हुए दोषी
सुखविंदर को जल्द से जल्द फांसी की सजा देंगी।
अदालत के फैसले के बाहर भारी संख्या में जुटे वकीलों ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया। रोहतक बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट दीपक हुड्डा, एडवोकेट विजय मलिक, एडवोकेट पुनीत भारद्वाज, एडवोकेट सुरेश नांदल कहा कि अदालत ने हर पहलू को देखते हुए यह फैसला दिया है।

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