550 छात्रों को पढ़ा रहे 5 शिक्षक, जरूरत 22 की
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 11 अप्रैल
कैथल जिले के गांव ढांड स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला में अध्यापकों की कमी ने छात्रों की शिक्षा का गणित बिगाड़ दिया है। इस स्कूल में 31 मार्च को लगभग 550 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।
अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही अंतर्जिला स्थानांतरण के कारण विद्यालय में घटकर केवल 5 अध्यापक शेष रह गए हैं।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हर 25 विद्यार्थियों के लिए एक शिक्षक की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिसके आधार पर विद्यालय में लगभग 22 अध्यापक पद बनते हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 5 ही अध्यापक कार्यरत हैं।
वर्ष 2020 में हुए अंतर्जिला स्थानांतरण के कारण भी इस विद्यालय में स्वीकृत टीचरों की संख्या 17 है और 17 में से 7 अध्यापकों की बदली दूसरे जिलों में हुई थी, लेकिन जिले में बाहर से आए किसी भी अध्यापक को यह स्कूल अलॉट नहीं किया गया।
विद्यालय में पिछले 4 साल से केवल 10 अध्यापक ही कार्य कर रहे थे। रही-सही कसर वर्ष 2024 में हुई अंतर्जिला स्थानांतरण ने पूरी कर दी। इसमें 10 में से 6 अध्यापक अपने मनपसंद जिलों में स्थानांतरण करवा कर चले गए। इन तबादला करवाकर गए 6 टीचरों के बदले में स्कूल को केवल एक अध्यापक मिली। जिला के अनेक स्कूलों में स्वीकृत पदों से ज्यादा अध्यापक कार्यरत होने के बाद भी अधिकारियों ने इस स्कूल में अध्यापकों का आंतरिक समायोजन भी नहीं किया। इससे स्कूल की छात्र संख्या कम हो रही है तथा पढ़ाई का वातावरण प्रभावित हो रहा है।
कई स्कूलों में टीचरों का टोटा
हरियाणा सरकार के अधीन स्कूलों में कार्यरत जेबीटी शिक्षक काफी लंबे समय से अंतर्जिला स्थानांतरण की मांग कर रहे थे। वर्ष 2017 में नियुक्त अध्यापक गृह जिला देने की मांग पर लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। हरियाणा सरकार द्वारा उनकी मांग को पूरा करते हुए लगभग 10000 जेबीटी शिक्षकों को गृह जिला प्रदान कर दिया तथा अन्य शिक्षकों को अपना मनपसंद जिला दे दिया गया। उनके कार्यभार मुक्त होने व कार्य ग्रहण करने के बाद कुछ स्कूल ऐसे भी रह गए हैं, जिनमें अध्यापक नाममात्र ही बचे हैं। हरियाणा के कुछ स्कूलों में तो एक भी शिक्षक नहीं बचा है तो कुछ स्कूलों में छात्र संख्या बहुत ज्यादा होने के बाद भी मात्र कुछ ही अध्यापक कार्यरत रह गए हैं।