हरियाणा में पराली जलाने के 497 मामले
यमुनानगर, 16 अक्तूबर (हप्र)
सुप्रीम कोर्ट के पराली जलाने के मामले में सख्ती बरतने के बावजूद पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हरियाणा के जिन जिलों में धान लगाया जाता है, वहां आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सेटेलाइट से प्राप्त विवरण के अनुसार हरियाणा में 15 अक्तूबर तक 497 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए हैं।
इनमें कई मामले ऐसे भी हैं, जहां किसी हादसे के कारण आग लगी हो। कृषि विभाग ने इन सभी मामलों की जांच शुरू कर दी है। अधिकांश मामलों में किसानों पर फाइन लगाया जा रहा है।
वहीं कुछ मामलों में मुकदमा भी दर्ज करवाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं कि जिन-जिन इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहां अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी यह दावा भी कर रहे हैं कि पिछले साल की तुलना में मामलों में कमी आई है।
हरियाणा के विभिन्न जिलों में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कैथल में सबसे ज्यादा 83 मामले पराली जलाने के सेटेलाइट के माध्यम से सामने आए हैं। वहीं कुरुक्षेत्र में 75 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह अंबाला में 56, पलवल में 20, पंचकूला में 11, पानीपत में 25, रोहतक में 6, सिरसा में 11 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। इसी तरह सोनीपत में 36 मामले, यमुनानगर में 20 मामले, फतेहाबाद में 26 मामले सामने आए हैं।
इसके अलावा फरीदाबाद में 22, करनाल में 49, जींद में 44, हिसार में 12 मामले सामने आए हैं।
उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य डबास ने बताया कि यमुनानगर जिला में सेटेलाइट के माध्यम से हालांकि 21 मामलों की जानकारी मिली थी, लेकिन एक मामला उसमें अंबाला जिला का निकला।