प्रदेश की 442 सर्वोत्तम माताओं को किट व ड्राफ्ट देकर किया सम्मानित
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 15 जुलाई
परिवहन, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री असीम गोयल ने आज प्रदेश की 442 सर्वोत्तम माताओं को किट व ड्राफ्ट देकर उनका सम्मान किया। सर्वोत्तम माता पुरस्कार के तहत प्रथम स्थान के लिये 4000 रुपये, द्वितीय के लिये 3000 रुपये तथा तृतीय के लिये 2000 रुपये का पुरस्कार भी दिया गया। यह सम्मान उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पुलिस डीएवी स्कूल के सभागार में आयोजित सर्वोत्तम माता पुरस्कार के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वितरित किए। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि ने एक सर्वोत्तम मां को बुलाकार दीपशिखा प्रज्वलित करके किया। समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री असीम गोयल ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों को आत्मरक्षा में निर्भर बनाने के लिये ‘मैं भी लक्ष्मीबाई योजना’ के तहत हरियाणा में पहला सेल्फ डिफेंस केंद्र राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल पुलिस लाइन अम्बाला शहर में खोला जाएगा। इसी प्रकार भारत में महिला एवं बाल विकास विभाग पहला ऐसा विभाग होगा जो अपना एफएम चैनल शुरू करने जा रहा है। आकाशवाणी के नाते ‘हमारी लाडो’ के नाम से यह जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके साथ-साथ महिला सरपंचों का एक राज्य स्तरीय सम्मेलन किया जाएगा जिसमें महिला सरपंच को दायित्व सौंपा जाएगा कि वे अपने गांवों में लिंगानुपात सुधार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी बताया कि अम्बाला की तर्ज पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चौक बनाने का काम हर जिला में किया जाएगा। जल्द ही पंचकूला में इस चौक का निर्माण भी किया जाएगा। राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का संदेश देने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी वर्करों को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के बैज’ दिये जा रहे हैं। वह अपनी ड्रेस पर इसे लगाएंगी, जिससे समाज में एक संदेश जाएगा। केन्द्र व प्रदेश सरकार महिलाओं के अस्तित्वए शिक्षाए स्वास्थ्य व उनके गौरव को बढ़ाने के लिये निरंतरता में कार्य कर रही है। इस मौके पर राज्यमंत्री ने ‘ये मीरा की अमर भक्ति है, कभी मर नहीं सकती, ये झांसी की रानी है कभी डर नहीं सकती, गीता, बबीता व मनु भाकर, ये सब लड़कियां ही हैं कौन कहता है ये लड़कियां कुछ कर नहीं सकती ’ शब्दों के माध्यम से महिलाओं को आगे बढ़ने का संदेश दिया। राज्यमंत्री असीम गोयल ने कहा कि लालन पालन के नाते आज यहां पर 442 महिलाओं को बैस्ट अवार्ड मिला है। सही मायने में यह अवार्ड तभी सार्थक है जब हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर, उन्हें देश के नवनिर्माण में सहयोग देने के लिये तैयार करेंगे। पहले लिंगानुपात में प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं थी, आज सभी के सहयोग से इसमें सुधार हुआ है, अब 1000 लडक़ों के पीछे अब लड़कियों की संख्या 912 है, जोकि बड़ा बदलाव है। महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बजट में विशेष बढ़ोतरी की गई है ताकि बच्चों व महिलाओं के विकास के लिये कार्य किया जा सके। मातृत्व उद्यमिता योजना के तहत 3 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाने का काम किया जा रहा है। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक, अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता, संयुक्त आयुक्त महिला एवं बाल विकास राजबाला कटारिया, डीपीओ कविता रानी, रितेश गोयल, गुरजंट सिंह, संजीव गोयल टोनी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।