40 हजार बुजुर्गों ने छोड़ी पेंशन, बचे 100 करोड़ सेवा आश्रमों पर होंगे खर्च
करनाल, 25 नवंबर (हप्र)
हरियाणा में स्वेच्छा से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता छोड़ने वाले वरिष्ठ नागरिकों से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को कहा कि आपके त्याग से जिस धन की बचत हुई है, उसे अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद पर खर्च किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जैसे लोग देश व समाज की सच्ची शक्ति हैं।
मुख्यमंत्री करनाल से ‘सीएम की विशेष चर्चा’ कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन वरिष्ठ नागरिकों से सीधा संवाद कर रहे थे। सीएम ने कहा कि सहमति से पेंशन लेने से मना करने वाले 60 साल की आयु के पात्र वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 40 हजार है। इस हिसाब से वर्ष के लगभग 100 करोड़ रुपये बनते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के भाव से इस बची हुई राशि को 22 जिलों में ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना’ के तहत बनने वाले सेवा आश्रमों पर खर्च किया जाएगा। इनके भवन बनाने के लिए उन्होंने 100 करोड़ रुपये की राशि का बजट सैंक्शन करने की घोषणा की।
80 प्लस का ख्याल रखेंगे ‘प्रहरी’
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वित्त वर्ष के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ‘प्रहरी’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी। परिवार पहचान पत्र के डेटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के 3.30 लाख बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं। ‘प्रहरी’ योजना में इन बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी प्रहरी योजना से जुड़ना चाहता है तो वह डायल 112 पर काॅल करके जुड़ सकता है। सीएम ने कहा कि अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल सेवा आश्रमों में की जाएगी। रेवाड़ी में एक ऐसा आश्रम खोला जा चुका है और एक अन्य करनाल में निर्माणाधीन है। इसके अलावा, 14 जिलों में इनके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है।
उत्तर रक्षा गृह का उद्घाटन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 6.54 करोड़ रुपये की लागत से बने राजकीय उत्तर रक्षा गृह के भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के 6 एकड़ में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कई बिल्डिंग बनाई जा रही हैं, अभी उनमें से एक इमारत बनकर तैयार हुई है, जिसका आज उद्घाटन किया गया है। जो महिलाएं असहाय हैं, जिन्हें सरकारी आश्रय की जरूरत है, उनके लिए नारी निकेतन बनाया गया है। वर्किंग वुमन हॉस्टल भी बनाया जाएगा।