‘विश्वविद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षा से मिलेगा विश्व गुरु का दर्जा’
रोहतक, 26 जून (हप्र)
वर्तमान युग नवाचार, उद्यमिता तथा गुणवत्तापरक शोध का है। ऐसे में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को विद्यार्थियों को इन्नोवेशन, स्टार्टअप्स तथा एन्त्रोप्रोनियरशिप के लिए प्रेरित करना होगा। विश्वविद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलवाएगी। हरियाणा के राज्यपाल तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शिक्षकों से इंटैरेक्ट करते हुए यह आह्वान किया। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षक समुदाय से अपनी महत्ती भूमिका निभाने की अपील राज्यपाल-कुलाधिपति ने की। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोडऩा होगा। विद्यार्थियों को योग, पारंपरिक समृद्ध विरासत, मूल्य तथा संस्कारों से भी जोडऩा होगा। भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों तथा संस्कारों से भी जोडऩा होगा। भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से ओतप्रोत विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों बारे भी जागृत करना होगा। सामाजिक बुराईयों के खिलाफ, नशाखोरी के खिलाफ भी विद्यार्थी सजग प्रहरी बनें, ये प्रेरणा शिक्षकों को देनी होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, साहित्यिक-सांस्कृतिक, सामाजिक आउटरिच तथा खेल उपलब्धियों के लिए कुलपति प्रो. राजबीर सिंह और उनकी टीम को बधाई दी। कुलाधिपति ने फैकल्टी डीन तथा शैक्षणिक विभागों के अध्यक्षों से संकाय तथा विभागों की प्रगति यात्रा का ब्यौरा लिया।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने राज्यपाल-कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा तथा विशिष्ट उपलब्धियों से अवगत करवाया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय पिछले पांच वर्षों में देश के पहले 100 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल है। विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन सत्र 2023-2024 से प्रारंभ कर रहा है।