‘गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाए’
चंडीगढ़, 3 सितंबर (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को दुनिया में शांति और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए अफगानिस्तान और चीन जैसे देशों में ‘धार्मिक असहिष्णुता’ का उदाहरण दिया।
सिखों के नौवें गुरु के 400वें ‘प्रकाश पर्व’ (जयंती) के मौके में शुक्रवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। सिंह ने कहा कि अगर लोग गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं और विचारधारा का पालन करते तो आज एक अलग ही दुनिया होती। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को भारत के आध्यात्मिक, धार्मिक और राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ों में से एक बताया। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहड़ ने अपने संबोधन में सिख जीवन शैली में ‘अरदास’ के महत्व पर जोर दिया। इस मौके पर, विधानसभा अध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा द्वारा भेजे गए संदेशों को पढ़ा। नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें शिरकत करने में असमर्थता व्यक्त की।
वहीं विधानसभा ने महान धावक मिल्खा सिंह, पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा, धावक मान कौर के साथ ही उन किसानों को श्रद्धांजलि दी, जिनकी केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मृत्यु हो गयी।
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर आहूत एक दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत में सदन
ने स्वतंत्रता सेनानियों, राजनीतिक हस्तियों के अलावा नागरिक और पुलिस प्रशासन के उन वरिष्ठ अधिकारियों को भी श्रद्धांजलि दी, जिनका विधानसभा के पिछले सत्र के बाद पिछले दिनों निधन हो गया।