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हरियाणा में फिर कमल खिलाने को ‘शाही मैनेजमेंट’

11:36 AM Jun 23, 2023 IST

मुख्य अंश

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  • कमजोर सीटों पर होंगे नये चेहरे, मांगे दो-दो नाम
  • सांसदों के ‘रिपोर्ट कार्ड’ पर भी चर्चा, कुछेक का कट सकता है टिकट

दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 22 जून

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हरियाणा में लोकसभा की सभी दस सीटों पर फिर ‘कमल’ खिलाने के लिए भाजपा माइक्रो मैनेजमेंट पर काम करेगी। रूठों को मनाया जाएगा और नये चेहरों को भी पार्टी के साथ जोड़ने की रणनीति पर काम होगा। नयी दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में बुधवार रात ढाई घंटे तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई हाई लेवल मीटिंग में सभी दस सीटों पर मंथन हुआ।

सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर भाजपा नये चेहरों की तलाश कर रही है। भाजपा का अदंरूनी सर्वे कुछ सीटों को पार्टी के लिए कमजोर मान रहा है तो कुछ सीटों पर मौजूदा सांसदों की ग्राउंड रिपोर्ट सही नहीं है। ऐसे में इन सीटों पर नये चेहरों को उतारना लगभग तय है। सूत्रों का कहना है कि शाह ने प्रदेश भाजपा के नेताओं से ऐसी सीटों पर विकल्प के तौर पर दो-दो नाम देने को कहा है।

बैठक में शाह के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे, जिन्होंने हरियाणा के प्रभारी बिप्लब कुमार देब, सीएम मनोहर लाल खट्टर और प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से सभी दस सीटों पर रिपोर्ट ली। गौर हो कि मोदी लहर में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी।

गठबंधन की गेंद शाह के पाले में

प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन गृह मंत्री अमित शाह के हस्तेक्षप के बाद हुआ था। गठबंधन को लेकर प्रदेश प्रभारी पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट सौंप चुके हैं। बेशक, हरियाणा इकाई के अधिकांश नेता गठबंधन तोड़ने के पक्ष में हैं, लेकिन शाह की ‘शह’ के बिना कोई भी निर्णय नहीं हो पाएगा। इस संदर्भ में फैसला अब नेतृत्व के स्तर पर ही होगा। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि गठबंधन की गेंद अमित शाह के पाले में है।

कई सांसद चाहते हैं विधानसभा का टिकट

अम्बाला के सांसद रहे रतनलाल कटारिया का निधन होने की वजह से यहां नया चेहरा मैदान में उतरना तय है। कुछ सांसद ऐसे भी हैं, जो इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। इनमें करनाल के सांसद संजय भाटिया, कुरुक्षेत्र के नायब सिंह सैनी अौर भिवानी-महेंद्रगढ़ के धर्मबीर सिंह के भी नाम शामिल हैं। सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक अपने बेटे को चुनावी राजनीति में लाना चाहते हैं। रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा की पसंद करनाल संसदीय क्षेत्र बताई जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी सीटों के गुणा-भाग के बाद ही पार्टी अंतिम निर्णय लेगी। जिन वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने बच्चों के लिए टिकट की मांग की जा रही है, उन पर भी पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि एक परिवार से एक ही टिकट के फार्मूले पर बढ़ते हुए पार्टी यह भी विकल्प दे सकती है कि बेटे-बेटी के लिए टिकट मांग रहे नेता, खुद चुनाव से दूर हों।

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