‘स्ट्रीट लाइट टेंडर में सरकार की नीयत साफ नहीं ’
भिवानी, 9 सितंबर (हप्र)
हरियाणा में स्ट्रीट लाइट टेंडर को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। विवाद इस बात का है कि इस मामले की जांच को सरकार ने पहले तो 9 सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसे आनन-फानन में भंग करके सीधे टेंडर प्रक्रिया ही शुरू कर दी गई। सवाल इस पर भी खड़े होते हैं कि अपने तबादले से तुरंत पहले स्थानीय विभाग के शीर्ष अधिकारी ने कमेटी को भंग करते हुए यह काम किया है। यह सरकार के दबाव में किया गया है। यह कहना है राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला का। उन्होंने कहा कि 600 करोड़ रुपये में होने वाले काम को सरकार इससे करीब दुगुने में साढ़े 1100 करोड़ रुपये में बड़ी कंपनियों को देने की शुरू से ही तैयारी में है। यह भी बड़ा घोटाला है। इससे पहले 22 जून, 2021 को टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी थी। विवाद होने के बाद इसके लिए 9 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। इससे पहले कि कमेटी अपनी रिपोर्ट में कुछ साफ कर पाती, सरकार के इशारे पर कमेटी को ही भंग कर दिया गया। इस मामले को हरियाणा विधानसभा में तोशाम से विधायक पुर्व मंत्री किरण चौधरी और फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा प्रमुखता से उठा चुके हैं।