‘कोविन’ सुरक्षित, नहीं हुई सेंधमारी
नयी दिल्ली, 12 जून (ट्रिन्यू)
सरकार ने कोविन पोर्टल को बिल्कुल सुरक्षित बताते हुए पंजीकृत लाभार्थियों के आंकड़ों में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी ‘सर्ट-इन’ ने मामले की समीक्षा की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविन पोर्टल डेटा गोपनीयता के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है। कोविन पोर्टल में डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं और उठाए जा रहे हैं।’ कोविन के मौजूदा सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए एक आंतरिक कवायद शुरू की गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर कोविन डेटा में कथित सेंधमारी को लेकर कुछ खबरों के संदर्भ में कहना चाहता हूं कि भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) ने तुरंत कदम उठाया और मामले की समीक्षा की है तथा ऐसा नहीं लगता कि कोविन एप या डेटाबेस सीधे तौर पर सेंध का शिकार हुआ है।’
चंद्रशेखर ने खबरों को खारिज करते हुए कहा कि एक टेलीग्राम बॉट फोन नंबर की एंट्री पर कोविन एप का विवरण दिखा रहा था। मंत्री ने कहा, ‘डेटा को बॉट द्वारा एक थ्रेट एक्टर डेटाबेस से एक्सेस किया गया, जिससे ऐसा लगता है कि इसे पूर्व में चोरी किए गए डेटा के साथ जोड़ा गया है। ऐसा नहीं लगता कि एप या डेटाबेस में सीधे तौर पर सेंधमारी हुई है।’
डेटा उल्लंघन के दावों की जांच हो : विपक्ष
विपक्षी दलों ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने ‘आपराधिक लापरवाही’ का आरोप लगाया। पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘भारत सरकार नागरिकों की निजता को नजरअंदाज कर रही है। कोविड-19 का टीका लगवाने वाले हर भारतीय का निजी डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। भारत सरकार डेटा सुरक्षा विधेयक पर कदम क्यों नहीं उठा रही है?’ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा, यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए।