किन्नौर में 50 करोड़ से बनेगा ‘सेब विकास कलस्टर’
शिमला, 26 अगस्त (निस)
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने एचपीएमसी निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से जिला किन्नौर को सेब विकास के लिए क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 600 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी वाले किन्नौर जिला में 10,400 हेक्टेयर भूमि पर सेब की बागवानी की जा रही है।
बागवानी मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंर्तगत पूर्व फसल उत्पादन कार्यकलापों पर बल दिया जाएगा, जिसके अंर्तगत मृदा परीक्षण, पत्ता विश्लेषण, प्लांट हेल्थ क्लीनिक सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। उत्पादन के तौर-तरीके जैसे उच्च घनत्व पौधरोपण, एकीकृत रोग कीट प्रबंधन कार्य किए जांएगे और फसल उत्पादन, पैकिंग हाउस, प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जाएंगी। वहीं, शिमला जिले के पराला में निर्माणाधीन फल विधायन संयंत्र में मिनरल वाटर की बॉटलिंग के अतिरिक्त कागज, चिप्स, पशुचारा आदि तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जड़ोल (सुन्दरनगर) स्थित फल विधायन संयंत्र में आम, नीम्बू, टमाटर पर आधारित फल विधायन की गतिविधियों में वृद्वि करने का भी निर्णय लिया गया है।
बेहतर विपणन, यातायात व्यवस्था के निर्देश : शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला में सेब सीजन के दृष्टिगत बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण (एचपीएमसी), कृषि उत्पाद विपणन निगम (एपीएमसी), हिमफेड और हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर सुरेश भारद्वाज ने सेब की ढुलाई को नियंत्रित करने के निर्देश दिए।
‘सेब के तेजी से गिरते दाम चिंताजनक’
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो-तीन हफ्तों में सेब के दामों में 700 से 1000 रुपए की भारी गिरावट आई है जो बागवानी क्षेत्र के लिए बेहद चिंताजनक है। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने आज शिमला से जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी जब अदानी एग्रो ने सेब के दाम तय किए थे तो मंडियों में सेब के मूल्यों में भारी गिरावट आई थी जबकि पिछले वर्ष सेब की फसल भी कम थी। गत्त वर्ष के कटु अनुभव के वाबजूद सरकार अदानी एग्रो और सेब मंडियों पर नियंत्रण करने में विफल रही हैं।