‘अमृता प्रीतम पितृसत्तात्मकता के खिलाफ लड़ीं’
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) :
पंजाब विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल नंबर-9 के अमृता प्रीतम हाल में आज उनकी 102वीं जयंती पर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस लीजा गिल ने बतौर मुख्य अतिथि उनकी याद में उनके जीवन पर तैयार किया एक ब्रोशर जारी किया। जस्टिस गिल ने कहा कि अमृता खुले विचारों वाली लेखक और साहसी महिला थी। उनका लेखन और जीवन दोनों ही युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत हैं। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि पंजाबी ट्रिब्यून के संपादक डॉ. स्वराजबीर सिंह ने कहा कि उनका लेखन बंटवारे के समय की कहानियों और भावनाओं को पेश करता है। पितृसत्तात्मक समाज के खिलाफ उनके जज्बात उनके साहित्य में देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमृता पंजाब की पहली महिला लेखक नहीं थी बल्कि उनका लेखन उन्हें पहला होने का दर्जा दिलाता है। इस मौके पर डीयूआई वीआर सिन्हा, डीएसडब्ल्यू एसके तोमर, मीना शर्मा और अशोक कुमार और डॉ. राजिंदर कौर उपस्थित थी।