सिरमौर में 31 सड़कें बंद, 2 दिन में करोड़ों का नुकसान
नाहन, 30 जून (निस)
जिला सिरमौर में भारी बारिश से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश के बीच पहाड़ी से हुए भूस्खलन और भारी मलबा आने से लोक निर्माण विभाग को करोड़ों का नुकसान हुआ है। सोमवार सुबह तक जिले में 92 सड़कें बंद थीं। दोपहर बाद तक विभाग ने 61 सड़कों को बहाल कर दिया, जबकि 31 सड़कों पर यातायात देर शाम तक भी सुचारू नहीं हो पाया था। जानकारी के अनुसार शिलाई में सबसे ज्यादा 34 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा नाहन क्षेत्र की 15, पच्छाद में 16, संगड़ाह इलाके में 13, पांवटा साहिब में 10 और राजगढ़ क्षेत्र में 4 सड़कें जगह-जगह मलबा आने और भूस्खलन से बंद रहीं। इनमें से कई सड़कों को देर शाम तक बहाल कर दिया। शेष सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। वहीं, सोमवार सुबह नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाईवे पर भी यातायात प्रभावित रहा। राजधानी शिमला को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 907 ए सादनाघाट में सुबह 4 बजे से 8 बजे तक बंद रहा। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ बड़े वाहनों का लंबा जाम लग गया, जबकि छोटे वाहनों को सड़क किनारे दलदल के बीच रिस्क लेकर अपने वाहन निकालने पड़े। यहां पहाड़ी से बड़ी चट्टानें गिरने के चलते लंबी दूरी की बसों समेत अन्य बड़े वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। इसके चलते चालकों को वाहन चलाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हमीरपुर में भी भारी नुकसान
हमीरपुर (निस) : मॉनसून के आगमन के साथ ही जिलाभर में हो रही बारिश से पिछले 10 दिनों में 9.04 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इनमें लोक निर्माण विभाग को सर्वाधिक 5.87 करोड़ रुपए, जल शक्ति विभाग को 2.92 करोड़ रु पए और बिजली बोर्ड को 7.04 लाख रु पए की क्षति हुई है। जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (डीईओसी) में सोमवार दोपहर तक प्राप्त रपटों के अनुसार जिले भर में पिछले 24 घंटों के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति का लगभग 11.65 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इस दौरान एक कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसमें लगभग 70 हजार रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसके अलावा चार डंगे भी ध्वस्त हुए हैं, जिससे लगभग नौ लाख रुपए की क्षति हुई है। दो गौशालाओं को भी लगभग 1.95 लाख रु पए की क्षति पहुंची है। जबकि, आसमानी बिजली गिरने से एक पशु की भी मौत हुई है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने सभी विभागों के फील्ड अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में हुए नुकसान की रिपोर्ट तुरंत भेजें, ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि बरसात को देखते हुए सभी जिलावासी विशेष ऐहतियात बरतें और नदी-नालों के पास न जाएं। भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों से भी दूर रहें।