तरुण जैनरेवाड़ी, 25 अप्रैल (हप्र)रेवाड़ी में एक ऐसा चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जहां नकली सरसों के 964 बैग पकड़े गए हैं। हैरत की बात यह है कि मिट्टी के दानों से हूबहू असली सरसों तैयार की गई थी। एजेंसी अधिकारियों को जब संदेह हुआ और सरसों के दानों को पानी में डाला गया तो वे घुल गए। यदि इस मामले में जरा सी भी चूक हो जाती तो सरकार को लाखों रुपये राजस्व का चूना लग जाता। लाई गई सरसों की कीमत 31 लाख रुपये बताई गई थी। जिस ट्रक में यह नकली सरसों का जखीरा लाद कर लाया गया था, उस पर किसान सेवा केन्द्र कनीना का टैग लगा था।समाचारों के अनुसार शुक्रवार को 964 बैग सरसों से भरा ट्रक लेकर एक आढ़ती सरकार के वेयरहाउस में पहुंचा। इस ट्रक पर किसान सेवा केन्द्र कनीना का टैग लगा था। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और एजेंसी के अधिकारी व कर्मचारी सरसों खरीद के काम में लगे हुए थे। इसी दौरान वेयरहाउस के सुपरवाइजर संदीप कुमार को सरसों के दानों को लेकर कुछ संदेह हुआ। उन्होंने अपनी तसल्ली के लिए जैसे ही मुठ्ठी भर सरसों को पानी में डाला तो सभी दाने घुलकर मिट्टी में परिवर्तित हो गये।संदीप कुमार ने कहा कि मिट्टी से तैयार किये गए ये दानों की बनावट इतनी हूबहू थी कि पहली नजर में कोई भी धोखा खा सकता था। उन्होंने कहा कि ऐसे सरसों के दाने मिट्टी व रसायन के मिश्रण से तैयार किये जाते हैं, जिनमें तेल की मात्रा भी होती है। इसकी जांच दानों को पानी में डाले बिना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि 964 बैग को ट्रक सहित वेयरहाउस में ही जब्त कर खड़ा कर लिया गया है और मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। नकली सरसों के दानों को जांच हेतु प्रयोगशाला में भी भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नकली सरसों की शिकायतें सुनी थी, लेकिन अपनी आंखों से भी देख ली। उन्होंने कहा कि यह फ्रॉड हरियाणा व राजस्थान की मंडियों में सुनने को मिला है।इधर पता चला है कि जिस आढ़ती का यह माल रेवाड़ी के वेयरहाउस में लाया गया था, उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।