मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

30 को 'पंजाब बंद', रेल और बसों का चक्का रहेगा जाम

04:22 AM Dec 27, 2024 IST


नयी दिल्ली/संगरूर, 26 दिसंबर (एजेंसी/निस)
Advertisement

किसानों ने आज खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग कर 30 दिसंबर को 'पंजाब बंद' के ऐलान के साथ सभी ट्रेनें, बसें और सरकारी व निजी संस्थान बंद रखने की घोषणा कर डाली है। बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि मीटिंग में सर्वसम्मति से तय हुआ है कि इस दौरान सड़क और रेल यातायात पूरी तरह बंद रहेगा। पंजाब बंद सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। बैठक में शिक्षण संगठन, परिवहन, बिजली कर्मचारी, आशा वर्कर, पूर्व सैनिक, प्रोफेसर, पत्रकार संघ, व्यापार मंडल के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।

उधर फसलों पर एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर 31 दिन से भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक बनी हुई है। अब वह बात भी नहीं कर पा रहे हैं। वह सिर्फ इशारों में ही संवाद कर रहे हैं। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा है कि जगजीत डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर बहुत चिंताजनक है। उन्होंने 31 दिनों से कुछ नहीं खाया है और पानी के अलावा कुछ नहीं पीया है। उनके हाथ पीले पड़ गए हैं। वे अब बोल भी नहीं पा रहे हैं। उनका ब्लड प्रेशर 88/59 है। डल्लेवाल की सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 2 जनवरी को सुनवाई है।

Advertisement

किसान नेता सरवण पंधेर समेत दूसरे नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ दिन पहले ही एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि वे 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने का फैसला ले रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई राज्य सरकार अपने स्तर पर एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था कर सकती है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलने का समय देने का अनुरोध किया है। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि वे डल्लेवाल (70) के अनशन से जुड़ी स्थिति और अन्य ‘जरूरी मुद्दों' का समाधान चाहते हैं, जिसमें कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचा पेश करना भी शामिल है। किसान अपनी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में कहा गया है, ‘एसकेएम का एक प्रतिनिधिमंडल आपसे जल्द से जल्द मिलने का अनुरोध करता है, ताकि देश भर में किसानों के बीच बढ़ती अशांति और खतरनाक स्थिति के बारे में अपनी चिंताओं से आपको अवगत करा सकें।' एसकेएम ने कहा कि 500 ​​से अधिक जिलों के किसानों ने जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे हैं, जिसमें लंबे समय से की जा रही उनकी मांगों पर केंद्र सरकार और सभी किसान संगठनों के बीच चर्चा को सुगम बनाने के लिए उनसे ‘तत्काल हस्तक्षेप' करने का आग्रह किया गया है।

 

 

 

Advertisement