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शहीदी दिवस को समर्पित 3 दिवसीय समागम प्रारंभ

07:24 AM Dec 07, 2024 IST
शहीदी दिवस को समर्पित 3 दिवसीय समागम प्रारंभ
अम्बाला शहर में शुक्रवार को शहीदी दिवस पर शीश मार्ग यात्रा में शामिल पंज प्यारों का स्वागत करते कार्यकारिणी समिति मेंबर टीपी सिंह।-हप्र
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अम्बाला शहर, 6 दिसंबर (हप्र)
गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर दिल्ली से सज कर चली शीश मार्ग यात्रा का अम्बाला शहर में सुशोभित ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में भारी गिनती में पहुंची संगत ने श्रद्धाभाव से स्वागत किया। जैसे ही शीश मार्ग यात्रा शहर पहुंची तो उमड़ी संगत के हजूम ने बोले सो निहाल सतश्री अकाल की गूंज के साथ अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए शीश नवाया। इस दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, कार्यकारिणी समिति सदस्य तरविंदरपाल सिंह, मेंबर हरपाल सिंह कंबोज, राजिंदर सिंह, गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब अम्बाला शहर के मैनेजर प्रीतम सिंह, उप मैनेजर अुर्जन सिंह व हैड ग्रंथी सतनाम सिंह आदि विशेष रूप से मौजूद रहे। इसी दौरान गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में शहीदी दिवस को समर्पित 3 दिवसीय समागम में भी संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष नतमस्त हो कर कीर्तन श्रवण किया। गुरु तेग बहादुर साहिब सेवा सोसायटी एवं हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, खालसा फौज जत्था व संगत के सहयोग द्वारा करवाए जा रहे इस समागम में भाई जगतार सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर द्वारा आस्सा की वार का कीर्तन किया।
इसके साथ ही भाई गुरप्रीत सिंह शिमला वाले, भाई सतिंदरपाल सिंह लुधियाना वाले, भाई सुरिंदर सिंह, मणि बीबी कौलां वाले, ज्ञानी हरजीत सिंह, हरमन शाहाबाद मारकंडा वालों ने संगत के दर्शन करते हुए गुरु इतिहास से जोड़ा। जत्थों ने गुरु तेग बहादुर के जीवन इतिहास पर प्रकाश डालते हुए संगत को उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की कार्यकारिणी समिति मेंबर टीपी सिंह ने संगत से रूबरू होते हुए इतिहास पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी पंडित अपने धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर के पास पहुंचे तो गुरु साहिब ने किसी बड़े की शहीदी देने की बात कही तो वहां मौजूद गुरु गोबिंद सिंह ने अपने पिता को कहा कि आपसे बड़ा कौन है, इस पर गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। टीपी सिंह ने समागम के विवरण की जानकारी देते हुए बताया कि शहीदी दिवस को समर्पित शीशमार्ग यात्रा गुरुद्वारा सत्संगत साहिब से गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तक 8 दिसंबर को सायं सजाई जाएगी। रैनसबाई कीर्तन भी सायं 6.45 से अगले दिन तड़के तक होगा जिसमें भारी गिनती में संगत शिरकत करेंगे।

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