हथीन के गांव उटावड़ में डिप्थीरिया से 3 बच्चों की मौत, सैकड़ों बीमार
हथीन, 20 अक्तूबर (निस)
हथीन उपमंडल के गांवों में डिप्थीरिया बीमारी से तीन बच्चों की मौत हो गई। यह बीमारी टॉन्सिल, गले, नाक और त्वचा को प्रभावित करती है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने आठ टीमों सहित जिले की सभी एएनएम को बच्चों की स्वास्थ्य जांच का जिम्मा सौंपा है। गांव उटावड़ में इस बीमारी का सर्वाधिक असर है और सैकड़ों बच्चे बीमारी की चपेट में हैं। डिप्टी कमिश्नर नेहा सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को घर-घर जाकर बच्चों की जांच के आदेश दिए हैं। सिविल सर्जन डा. नरेश गर्ग ने बताया कि डिफ्थीरिया संक्रामक जीवाणु रोग है और कॉरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया बैक्टीरिया के कारण होता है। इसका असर 60 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है। डिप्थीरिया के लक्षण संक्रमण के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं। बेचैनी, ठंड लगना, बुखार, खांसी, गले में सूजन होने लगती है। सांस लेने और खाना खाने में कठिनाई होने लगती है तथा मौत हो जाती है। कोट, मीठाका, नाटौली, पावसर, आलीमेव, रूपड़ाका सहित 10 से ज्यादा गांवों में बच्चों के अंदर डिप्थीरिया बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हैं।
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डिप्थीरिया से चार साल, सात साल के दो लड़कों और 11 साल की एक लड़की की मौत हो गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उटावड़, नांगल जाट, हथीन, पलवल और आसपास के अस्पतालों के डाक्टरों को भी जांच के लिए बुलाया गया है।