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घाटे की मार एचआरटीसी के 275 रूट जल्द होंगे निजी बस ऑपरेटरों के हवाले

07:27 AM Aug 12, 2024 IST

शिमला, 11 अगस्त (हप्र)
करीब 1650 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम के 275 रूट जल्द ही निजी बस ऑपरेटरों के हवाले होंगे। ऐसे में राज्य पथ परिवहन निगम के लगभग 500 ड्राइवर और कंडक्टर सरप्लस हो जाएंगे। परिवहन निगम में सरप्लस होने वाले इन ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए निगम के पास कोई काम नहीं होगा। ऐसे में इन्हें अब निगम से बाहर सेवाएं देनी होंगी। राज्य पथ परिवहन निगम ने इस संबंध में योजना तैयार कर ली है और इस योजना पर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विचार भी हो चुका है। निगम की ओर से इस संबंध में मंत्रिमंडल को बाकायदा प्रस्तुति दी गई है। इस प्रस्तुति में निगम के लगातार बढ़ते घाटे का प्रमुखता से जिक्र किया गया है और निगम के 275 रूट निजी क्षेत्र में देने का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने भी हरी झंडी दे दी है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम इस समय 1650 करोड़ के घाटे में चल रहा है। नतीजतन वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिलना निगम में आम बात है। ऐसे में परिवहन निगम के चालक-परिचालक दूसरे सरकारी विभागों में सेवाएं देने के विकल्प को थाम सकते हैं। हालांकि चालक तो दूसरे विभागों के वाहन चला सकेंगे, लेकिन परिचालक क्या काम करने के लिए उपयुक्त रहेंगे, ये अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि अभी परिचालकों का कार्य क्षेत्र निर्धारित नहीं हुआ है।
प्रस्तुति में निगम की वित्तीय हालत सुधारने को लेकर उपाय सुझाये गए। प्रस्तुति में कहा गया कि निगम प्रबंधन की ओर से 27 श्रेणियों को निशुल्क या फिर रियायती यात्रा सुविधा प्रदान की जाती है। इसमें से पुलिस को बाहर निकालने की स्वीकृति मिल चुकी है। निगम ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि दिव्यांग वर्ग को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के लोगों को यात्रा के दौरान टिकट लेकर यात्रा करने की व्यवस्था बहाल की जाए।

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परिवहन निगम में 3158 बसों का बेड़ा

राज्य पथ परिवहन निगम में कुल 3158 बसों का बेड़ा है। बसों के इस बेड़े में से सामान्य तौर पर 250 से 300 बसें मरम्मत और अन्य कारणों से सड़क से बाहर रहती हैं। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन निगम की बसें 3870 रुटों पर चलती हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अपनाई जा रही निजी बस आपरेटरों को बढ़ावा देने की नीति के तहत लगातार निगम के रूट घटते चले जाएंगे। परिवहन निगम प्रबंधन का मत है कि निगम के पास पहले से स्वीकृत संख्या से 310 चालक-परिचालक कम हैं। निगम में इस समय 2900 बसों को चलाने के लिए 3900 चालक और इतनी ही संख्या में परिचालक उपलब्ध हैं।

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