नयी दिल्ली, 7 अप्रैल (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2700 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एमटेक समूह के पूर्व अध्यक्ष अरविंद धाम को 8 अप्रैल को सुबह 10 बजे तक जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने धाम की तरफ से दायर उस याचिका पर नाराजगी जताई, जिसमें या तो आत्मसमर्पण के लिये समय बढ़ाने या अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया गया था। याचिका के मुताबिक ये अनुरोध इसलिये किया गया ताकि धाम अपने हृदय की कथित बीमारी के लिए एंजियोग्राफी परीक्षण करा सकें। धाम के हाल ही में एंजियोग्राफी परीक्षण कराने के मद्देनजर पीठ ने पूछा कि उन्हें कितनी बार एंजियोग्राफी परीक्षण कराना होगा? पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं किया जाएगा... हम इस सब में भागीदार नहीं बनेंगे। आप आत्मसमर्पण कर दें। यदि आवश्यक हो तो आप हिरासत में परीक्षण के लिए जा सकते हैं। सीजेआई ने कहा कि अगर एंजियोग्राफी जांच के बाद उन्हें किसी सर्जरी की सलाह दी जाती है तो वह अंतरिम जमानत के लिए अदालत जा सकते हैं। धाम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धन शोधन मामले की सुनवाई रोक दी जानी चाहिए ताकि उन्हें इलाज मिल सके। सिब्बल ने कहा कि यदि चिकित्सक परीक्षण के बाद सर्जरी न करने की सलाह दें तो मैं आत्मसमर्पण कर दूंगा।