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पानी के बिलों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी, हुड्डा ने किया विरोध

09:40 AM Jul 19, 2023 IST
पानी के बिलों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी  हुड्डा ने किया विरोध
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चंडीगढ़, 18 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पानी के दामों में 25 प्रतिशत का इजाफा किया है। प्रदेश के सभी सेक्टरों में ये बढ़ी हुई दरें लागू होंगी। सरकार के इस फैसले का पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ा विरोध किया है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी बढ़ी हुई दरों को वापस लेने के लिए पत्र लिख चुके हैं। पानी की बढ़ी कीमतों पर बड़ी राजनीति हो सकती है। विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठेगा।
पूर्व सीएम ने कहा कि जनता के ऊपर एक तरफ मौसम तो दूसरी तरफ महंगाई की मार पड़ रही है। सरकार जनता की जेब काटने का कोई भी मौका नहीं चूकती। उनका कहना है कि प्रदेश की जनता पहले से ही आसमान छूती महंगाई का दंश झेल रही है। ऐसे में पानी के बिलों में बढ़ोतरी करके भ्ााजपा-जजपा सरकार ने जनता के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
हुड्डा ने कहा कि अब तक जनता कोरोना महामारी की वजह से हुए नुकसान से उभरी भी नहीं थी कि अब बाढ़ ने अपने आगोश में ले लिया। इस मुश्किल वक्त में सरकार द्वारा जनता को कोई राहत मिलनी चाहिए थी। लेकिन सरकार इसके विपरीत उसकी आफत बढ़ाने में लगी। आज सरकार का पूरा फोकस बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों पर होना चाहिए था। लेकिन ऐसे वक्त में भी सरकार जनता की जेब काटने में लगी है।
पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर जिले पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। जलभराव की वजह से लोगों को खाने-पीने के सामान से लेकर बिजली-पानी और मवेशियों के चारे तक की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की लाखों एकड़ खेती पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। जल निकासी के लिए सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जलभराव की वजह से अब बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बीमारियां फैलने भी शुरू हो गई हैं। लेकिन उसकी रोकथाम के लिए भी सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई।

सरकार ने नहीं की भर्ती, अस्पतालों में डॉक्टरों का टोटा : पूर्व सीएम

पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा भर्ती नहीं किए जाने के चलते पहले से ही अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ का टोटा है। इसलिए अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं। ऐसा लगता है मानो सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। इंसानों के साथ बाढ़ की वजह से पशुओं में भी खुर मुंह जैसी अनेक बीमारियां फैल गई हैं। गौशालाओं में पानी भरने से गोवंश सड़कों पर आ गया है। उसके लिए भी सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। पहले से ही पशु चिकित्सकों के लगभग आधे पद खाली पड़े हुए हैं।

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