हरियाणा में कृषि विभाग के 24 अधिकारी सस्पेंड
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 अक्तूबर
पराली जलाने की घटनाओं पर हरियाणा सरकार ने कोताही बरतने के आरोप में 9 जिलों के 24 कृषि अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को नोटिस जारी किया हुआ है। बुधवार को सुनवाई होनी है और दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पेश होना है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ही हरियाणा सरकार हरकत में आई है।
मंगलवार को कृषि विभाग के निदेशक राज नारायण कौशिक ने फील्ड के 24 अधिकारियों को सस्पेंड किया। पानीपत जिले में एडीओ संगीता यादव और एटीएम सत्यवान को सस्पेंड किया गया है। जींद में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर पुनित कुमार और संजीत पर कार्रवाई हुई है। हिसार में गोविंद व पूजा, कैथल में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर दीपक, हरप्रीत सिंह व यादवेंद्र सिंह को सस्पेंड किया गया है। इसी तरह करनाल में एएसओ सुनील कुमार, बीएओ राहुल दहिया व गौरव तथा फतेहाबाद में बीएओ कृष्ण कुमार, एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर सुनील कुमार और रामेश्वर श्योकंद पर गाज गिरी है। कुरुक्षेत्र जिले में बीएओ ओमप्रकाश, एडीओ प्रताप सिंह, बीएओ विनोद कुमार व अमित काम्बोज तथा अम्बाला में एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर शेखर कुमार व रमेश को सस्पेंड किया गया है। विभाग की ओर से सोनीपत जिले के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर नितिन व किरण को निलंबित किया गया है।
कैथल में सबसे ज्यादा जली पराली
हरियाणा में अब तक पराली जलाने के सबसे अधिक 127 मामले कैथल जिले में सामने आए हैं। वहीं, कुरुक्षेत्र में 91, अम्बाला में 74, करनाल में 69, जींद में 49, फतेहाबाद एवं सोनीपत में 40-40, फरीदाबाद में 31, पानीपत में 27, पलवल में 26, यमुनानगर में 24, हिसार में 19, सिरसा में 16, पंचकूला में 14, रोहतक में 6 और झज्जर में 2 जगहों पर पराली जलाई गई।
पंजाब में ज्यादा मामले : पराली जलाने के मामले में हरियाणा के मुकाबले पंजाब में स्थिति ज्यादा खराब है। पंजाब में अब तक पराली जलाने के 1581, जबकि हरियाणा में 655 मामले सामने आए हैं। मंगलवार को पंजाब में खेतों में आग लगाने के 71 मामलों की जानकारी मिली। तरनतारन में 15, फिरोजपुर में 10, संगरूर और पटियाला में 8-8 मामले सामने आये। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में पंजाब में स्थिति सुधरी है, साल 2020 में इस अवधि में पराली जलाने के 10 हजार 791 मामले सामने आये थे। वर्ष 2021 में यह आंकड़ा चार हजार और 2022 में तीन हजार से ज्यादा था। हरियाणा में अब तक 93 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। वहीं 327 किसानों के चालान काटे गए हैं और उन पर 8.32 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। पंजाब में किसानों पर अब तक 847 एफआईआर, 471 डीडीआर, 394 रेड एंट्री और 10.55 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।