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पटाखों से झुलसे 21 पहुंचे पीजीआई, बच्चों की संख्या ज्यादा

08:39 AM Nov 02, 2024 IST
पटाखों से झुलसे 21 पहुंचे पीजीआई  बच्चों की संख्या ज्यादा
चंडीगढ़ में दिवाली की रात पटाखों से घायल मरीज पीजीआई में इलाज करवाने पंहुचे।
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चंडीगढ़, 1 नवंबर (ट्रिन्यू)
दिवाली की रात चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में पटाखों से जुड़ी कई दर्दनाक घटनाएं सामने आईं। पीजीआई के एडवांस्ड आई सेंटर और ट्रॉमा सेंटर में पटाखों से झुलसने और घायल होने के 21 लोग पहुंचे, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। आंखों की चोटों के साथ-साथ जलने के कई गंभीर मामले भी सामने आए, जिनमें से कुछ को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता पड़ी। पीजीआई की टीम ने लगातार 24 घंटे काम कर सभी घायलों का त्वरित उपचार किया, जिससे कईयों की जान बचाई जा सकी। घायलों में बच्चों की संख्या ज्यादा थी।
पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावनाओं को देखते हुए, पीजीआई के एडवांस्ड आई सेंटर ने विशेष आपातकालीन व्यवस्था की थी। 30 अक्तूबर से 2 नवंबर 2024 तक सेंटर ने पटाखों से हुई चोटों के उपचार के लिए 24 घंटे डॉक्टर्स, स्टाफ और सहायक कर्मियों की तैनाती की। गंभीर रूप से घायल मरीजों की देखभाल के लिए रेटिना, कॉर्निया, ग्लूकोमा और ओकुलोप्लास्टी के विशेषज्ञों की दो टीमें बनाई गईं, जो आपातकालीन स्थिति में तुरंत सक्रिय रहीं। इस बार एडवांस्ड आई सेंटर में कुल 21 मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 16 पुरुष और 5 महिलाएं थीं। हैरान करने वाली बात यह है कि 57% घायल यानी 12 बच्चे थे, जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम थी। इनमें सबसे कम उम्र का मरीज 3 वर्ष की बच्ची थी, जो गंभीर रूप से घायल हुई। 8 मरीज चंडीगढ़ से थे, जबकि शेष 13 मरीज पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आए थे। इनमें से 12 लोग पटाखे जलाने के दौरान घायल हुए थे, जबकि 9 लोग पास खड़े होकर देख रहे थे और घायल हो गए। घायलों को तीली बम, पुतली बम, स्काई शॉट, बिच्छू बम, मुर्गा चाप, अनार, आलू बम और फुलझड़ी से चोटें आईं। कुल 21 मरीजों में से 6 को गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता पड़ी, और सभी का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में दिवाली की रात पटाखों से जलने के 5 मामले भी सामने आए।

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पीजीआई की तैयारी रंग लाई

पीजीआई के एडवांस्ड आई सेंटर ने पिछले तीन वर्षों से दिवाली के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के प्रबंधन में विशेष सावधानी बरती है। अस्पताल की त्वरित व्यवस्था और लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण हादसों की संख्या में गिरावट देखी गई है। 2022 में जहां 24 घंटों में 28 मामले सामने आए थे, वहीं 2023 में 48 घंटों में 23 और इस वर्ष 2024 में 48 घंटों में 21 मामले दर्ज किए गए। पीजीआई का यह प्रयास दिवाली के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक मिसाल बन गया है।

जीरकपुर, डेराबस्सी में 31 घायल

जीरकपुर (हप्र) : जीरकपुर और डेराबस्सी में दिवाली की रात 31 लोग घायल हो गये। ढकोली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीती रात 9 घायल लोग पहुंचे जो पटाखे चलाते समय घायल हो गए थे। इसी तरह डेराबस्सी इलाके में 23 लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहांज्यादातर लोगों के हाथ, आंखें और अन्य हिस्से जल गए और उन्हें घायल हालत में अस्पताल लाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया और छुट्टी दे दी। इसके अलावा जीरकपुर में पांच और डेराबस्सी में छह जगहों पर आग लगने की घटनाएं हुईं।

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पंचकूला में पटाखों से 34 लोग जख्मी, 17 मारपीट के मामले

मनीमाजरा (चंडीगढ़) (हप्र) : चंडीगढ़ और पंचूकला में बृहस्पतिवार को दीपावली पर लोगों ने जम कर पटाखे फोड़े। जानकारी के मुताबिक हालांकि प्रशासन की ओर से ग्रीन पटाखे चलाने का आदेश था लेकिन बावजूद इसके शहर भर में सभी प्रकार के पटाखे फोड़े गए जोकि देर रात तक बजते रहे। पंचकूूला में भी लोगों ने जम कर आतिशबाजी चलाई। शुक्रवार सुबह पटाखों के कारण वातावरण काफी खराब दिखा और धुंध छायी रही। वहीं पंचकूला में दिवाली के पर्व पर 34 लोग पटाखे चलाते हुए झुलस गए। इसके अलावा शहर भर में 17 मारपीट के मामले सामने आए हैं। पंचकूला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में सेक्टर 4, 6, 17 , 18 और 21 के बर्निग केस आए। इसके अलावा मारपीट के केस भी आए लेकिन रोगियों का उपचार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। चंडीगढ़ में दिवाली पर आई 20 आपातकालीन कॉल चंडीगढ़ अग्निशमन एवं बचाव सेवा विभाग, एमसी को दिवाली की रात 20 आपातकालीन कॉल प्राप्त हुईं, जो पिछले 3 वर्षों में सबसे कम घटनाओं को दर्शाता है।

खरड़ के एक बच्चे की जली पुतलियां

मोहाली (हप्र) : दीवाली वाली रात बच्चों और यहां तक ​​कि बड़ों ने भी सावधानी से पटाखे नहीं चलाए और आगजनी की घटनाओं का शिकार हो गए। सेक्टर -94 में जब एक स्कोडा कार में आग लग गई तो पूरे सेक्टर में दहशत का माहौल पैदा हो गया। दिवाली की रात खरड़ के एक बच्चे दिनेश को पटाखे चलाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। उसकी कॉर्निया (आंख की पुतलियां) झुलस गईं। दिनेश की गंभीर हालत को आगे के इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सेक्टर-32 रेफर करना पड़ा। खरड़ के सरकारी अस्पताल में पटाखों से झुलसे कुल 8 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से 3 बच्चे थे। इसी तरह सिविल अस्पताल मोहाली में पटाखों से कुल 15 मरीज झुलस गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। आगजनी की घटनाओं में झुलसने वालों में 5 बच्चे भी शामिल हैं। इनके अलावा एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं।

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