21 विभागों में 852 नये पदों के सृजन की सिफारिश
पहले चरण में पांच विभागों से होगी शुरूआत, पायलट तौर पर लिया
रेशनलाइजेशन कमीशन ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंपी 18 रिपोर्टट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 जून। हरियाणा के रेशनलाइजेशन कमीशन ने 21 विभागों में 682 नये पदों के सृजन की सिफारिश सरकार को की है। मंगलवार को आयोग चेयरमैन राजन गुप्ता (सेवानिवृत्त आईएएस) की अगुवाई में आयोग ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। बाकी विभागों की रिपोर्ट भी तैयार हो रही है। ये भी जल्द सरकार को सौंपी जाएंगी। नये पदों के सृजन के साथ-साथ आयोग ने विभागों व बोर्ड-निगमों की कार्यशैली में सुधार के लिए और भी कई सिफारिशें की हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मौके पर ही मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व सीएमओ के अधिकारियों को आयोग की सिफारिशों पर तुरंत काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में पायलट के तौर पर पांच विभागों - जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई, खनन एवं भूविज्ञान, बागवानी तथा शहरी स्थानीय स्थानीय विभाग में सिफारिशों को लागू करने को कहा है। इस बीच, आयोग की अन्य विभागों से जुड़ी 16 और रिपोर्ट भी सरकार के पास पहुंच जाएंगी।
आयोग की ओर से 21 विभागों की 18 रिपोर्ट्स में मौजूदा 1 लाख 4 हजार 980 पदों के मुकाबले 1 लाख 5 हजार 832 पदों के सृजन की सिफारिश की है। रिपोर्ट में 88 स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के साथ-साथ 179 सरकारी कॉलेजों में से प्रत्येक के लिए संशोधित संरचना की संस्तुति की है। इसमें मौजूदा सिंचाई विभाग को दो अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करके बाढ़ नियंत्रण के लिए एक स्वतंत्र जल निकासी और भूजल पुनर्भरण विभाग के निर्माण का भी प्रस्ताव दिया है।
रिपोर्ट में कई विभागों में नए संस्थानों की स्थापना और अनावश्यक संस्थानों को बंद करने का सुझाव दिया गया। दो या तीन विभागों को छोड़कर लगभग सभी अन्य विभागों में पदों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए रेशनलाइजेशन कमीशन का गठन किया था। इसका उद्देश्य जनता को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए इन निकायों की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
विभागीय प्रमुखों तक का किया पुनर्गठन
आयोग के अध्यक्ष राजन गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य उन विभागों के निम्नतम स्तर को पूर्ण रूप से सशक्त बनाकर विभागीय दक्षता में सुधार करना है, जो मुख्य रूप से जनता से संवाद करते हैं, ताकि वे अधिक उत्तरदायी और जवाबदेह बन सकें। कमीशन ने निम्नतम स्तर के कार्यालयों से लेकर विभाग प्रमुख के कार्यालय तक सभी विभागों का पुनर्गठन किया है। इसने प्रत्येक कार्यालय स्तर की आवश्यकताओं के अनुसार उनके कर्त्तव्यों की प्रकृति के आधार पर आईटी और अन्य तकनीकी कर्मचारियों सहित उपयुक्त जनशक्ति की सिफारिश की है।