पिहोवा सोमवती अमावस्या पर 2 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
पिहोवा, 8 अप्रैल (निस)
अमावस्या पर्व पर स्नान के साथ ही सोमवार को तीन दिवसीय मेला सोमवार को संपन्न हो गया। सोमवती अमावस्या के कारण 2 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ में स्नान किया और पितरों के निमित पिंडदान किया और उनके अक्षय मोक्ष की कामना की। तीन दिनों में ही चार लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ में स्नान किया। श्रद्धालुओं ने भगवान कार्तिकेय मंदिर में जाकर तेल सिंदूर चढ़ाया तथा प्रेत पीपल पर जल चढ़ाया। इस बार पूरे मेले में व्यवस्था का हाल खराब रहा। स्नान के लिए साफ जल भी नहीं मिला। हर ओर गंदगी का आलम रहा। सुरक्षा कर्मी दिखाई न दिए। भारी भीड़ के भीतर ही स्कूटर, बाइक वाले घूमते रहे। जिस कारण कई श्रद्धालु घायल हो गये। कई श्रद्धालुओं की जेब कट गई। नाभा, संगरूर, लुधियाना से आए कई श्रद्धालुओं ने अव्यवस्था के चलते प्रशासन को जमकर कोसा।
जगाधरी के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
जगाधरी (निस) : सोमवती अमावस्या पर सोमवार सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने प्राचीन श्रीगौरी शंकर मंदिर जगाधरी, प्राचीन खेड़ा मंदिर जगाधरी, प्राचीन राम मंदिर यमुना नहर तट बूडिया , प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर में पहुंचकर पूजा -अर्चना की। श्रद्धालुओं ने प्राचीन सरोवर सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर, यमुना नहर के बूडिया, अमादलपुर, फतेहपुर, दड़वा, दादुपुर आदि घाटों पर स्नान किया। प्राचीन श्री सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के पंडित त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या का सनातन धर्म में खास महत्व है।