वैश्विक शिक्षक पुरस्कार की सूची में 2 भारतीय अध्यापक, ग्लोबल स्टूडेंट पुरस्कार में शीर्ष 50 में हरियाणा के विपिन कुमार शर्मा सहित 4 भारतीय!
लंदन, 9 सितंबर (एजेंसी)
बिहार के भागलपुर के गणित के शिक्षक सत्यम मिश्रा और आंध्र प्रदेश के हैदराबाद की सामाजिक अध्ययन, अंग्रेजी और गणित की शिक्षिका मेघना मुसुनुरी ने बृहस्पतिवार को घोषित इस साल के 10 लाख डॉलर के वैश्विक शिक्षक पुरस्कार के लिए शीर्ष 50 शिक्षकों में जगह बनायी है। 10 लाख डॉलर के वैश्विक शिक्षक पुरस्कार का आयोजन वर्की फाउंडेशन यूनेस्को के साथ मिलकर करता है। इसके लिए 121 देशों से 8,000 से अधिक नामांकन आए। वर्की फाउंडेशन के संस्थापक सन्नी वर्की ने बताया, ‘‘केवल शिक्षा को प्राथमिकता देकर ही हम अपने कल को सुरक्षित कर सकते हैं। शिक्षा विश्वास के साथ भविष्य का सामना करने की कुंजी है।”
सत्यम मिश्रा ने दुनिया को देखने के बच्चों के तरीके में बदलाव के संकल्प और छात्रों के लिए गणित विषय को रूचिकर बनाने के लिए गुणा के आसान फॉर्मूलों को लेकर इस सूची में जगह बनायी। मेघना मुसुनुरी को शिक्षा के संदर्भ में भविष्यवादी, परोपकारी और जुनूनी उद्यमी बताया जाता है। वह फाउंटेनहेड ग्लोबल स्कूल एंड जूनियर कॉलेज की संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं और साथ ही उद्यमी महिलाओं को ऑनलाइन मौजूदगी स्थापित करने के लिए उनका मार्गदर्शन करने वाली, गूगल की संस्था ‘‘ वीमेन एंटरप्रेन्योर्स ऑन द वेब” (डब्ल्यूईओडब्ल्यू) की हैदराबाद शाखा की भी अध्यक्ष हैं।
यूनेस्को में शिक्षा के लिए सहायक महानिदेशक स्टेफेनिया गियानिनी ने कहा, ‘‘अगर हमें कोविड-19 के मद्देनजर एक बेहतर दुनिया का पुन: निर्माण करना है तो हमें हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पैदायशी अधिकार देने को प्राथमिकता देनी होगी।”
इसके साथ ही, पहली बार शुरू किए गए चेगडॉटओआरजी ग्लोबल स्टूडेंट पुरस्कार में शीर्ष 50 छात्रों की सूची में 4 भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इनमें जामिया मिलिया इस्लामिया, नयी दिल्ली के वास्तुकला के 21 वर्षीय छात्र कैफ अली, आईआईएम अहमदाबाद के 23 वर्षीय एमबीए छात्र आयुष गुप्ता, झारखंड की 17 वर्षीय छात्रा सीमा कुमारी और हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय का 24 वर्षीय छात्र विपिन कुमार शर्मा शामिल हैं। इस पुरस्कार के तहत 1,00,000 डॉलर की धनराशि दी जाएगी। चेगडॉटओआरजी की प्रमुख लीला थॉमस ने कहा, ‘‘कोविड के इस दौर में कैफ, आयुष, सीमा और विपिन जैसे छात्रों ने बड़ी बाधाओं के बावजूद पढ़ाई करते रहने और बेहतर भविष्य के लिए लड़ते रहने का बड़ा साहस दिखाया है।”