For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों पर लटकेंगे ताले

05:53 AM Nov 21, 2024 IST
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों पर लटकेंगे ताले
Advertisement

ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 20 नवंबर
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के घाटे में चल रहे अपने 18 होटलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि एचपीटीडीसी की संपत्तियों को 25 नवंबर तक बंद कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि निगम के प्रबंध निदेशक आदेश को लागू करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। हाई कोर्ट ने कहा कि इन होटलों को इस लिए बंद किया जा रहा है क्योंकि वे वित्तीय रूप से अव्यावहारिक हैं। उन्होंने कहा कि एचपीटीडीसी द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। जिन होटलों को बन्द करने का हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है उनमें पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि, डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार, होटल कुणाल धर्मशाला और होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलांग, होटल लॉग हट्स, होटल हडिम्बा कॉटेज, होटल कुंजुम मनाली, होटल लिहागसा मैकलोडगंज, द कैसल नग्गर और होटल शिवालिक परवाणू शामिल हैं। इन्हें अगले सोमवार तक बंद कर दिया जाएगा।
हाई कोर्ट ने कहा कि इन होटलों में ठहरने वालों की संख्या अदालत की अपेक्षा से बहुत अधिक निराशाजनक है, जो दर्शाता है कि एचपीटीडीसी अपनी संपत्तियों का लाभ कमाने के लिए उपयोग नहीं कर पाया है। निगम ने अदालत द्वारा पारित पिछले आदेश की अनुपालन में वर्तमान में उसके द्वारा संचालित 56 होटलों में पिछले तीन वर्षों के दौरान ठहरने वालों के आंकड़े सौंपे। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है। आदेश में कहा गया है कि कोर्ट ने इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लिया है कि राज्य में वित्तीय संकट है, जो अदालत के समक्ष सूचीबद्ध वित्त से जुड़े मामलों में परिलक्षित होता है।
कोर्ट ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को होटलों को बंद करने के आदेश के कार्यान्वयन के संबंध में अनुपालन हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। आदेश के अनुसार, एमडी को सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और दिवंगत पूर्व कर्मचारियों की सूची प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया, ताकि एचपीटीडीसी द्वारा प्राप्त बकाया राशि से उत्पन्न राशि उन्हें और उनके परिवारों को जारी की जा सके। निगम ने कहा कि 3 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख पर सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा भुगतान किए गए बकाए के बारे में भी अदालत को सूचित करेगा।

Advertisement

Advertisement
Advertisement