प्रदेश में सूखे 1797 पेयजल स्त्रोत
शिमला, 17 जून (हप्र)
हिमाचल में पड़ रही भीषण गर्मी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में प्रदेश के 1797 पेयजल स्त्रोतों व छोटी परियोजनाओं में पानी लगभग सूख गया है। हालत यह है कि पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में जल शक्ति विभाग की ओर से पेयजल की किल्लत को रोकने के लिए अन्य पेयजल योजनाओं को प्रभावित योजनाओं के साथ जोड़ा गया है।
पेयजल का कोई संकट नहीं: अवस्थी : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा है कि हर साल गर्मियों में पेयजल की थोड़ी बहुत समस्या होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेयजल का कोई संकट नहीं है। प्रदेश में शहरों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पेयजल की समस्या आ रही है वहां टैंकरों द्वारा समुचित पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते राज्य के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। अभी तक राज्य में वनों में आग लगने की 1900 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। जंगलों में आग के कारण पेयजल स्रोतों पर सबसे अधिक असर पड़ा है और इनमें पानी की मात्रा तेजी से कम हो गई है।
बरसी राहत की फुहारें
हिमाचल प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच आज राज्य के कुछ स्थानों पर राहत की फुहारें बरसीं और लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। जानकारी के अनुसार धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिले के कुछ स्थानों पर दोपहर बाद हल्की वर्षा हुई। हालांकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में प्रचंड गर्मी का दौर लगातार जारी है और आज प्रदेश के 10 स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया।