जलभराव के 114 संवेदनशील स्थानों पर 16 वरिष्ठ अधिकारी तैनात
गुरुग्राम, 27 जून (हप्र)
आखिर देर से ही सही जिला प्रशासन ने बारिश के दिनों में पिछले कई वर्षों से जलभराव से उत्पन्न भयानक स्थिति की समीक्षा की है और इसके लिए 114 अति गंभीर संवेदनशील जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर वहां बड़े अधिकारियों की तैनाती कर जल निकासी के इंतजाम किए हैं। इसके लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है जो उपायुक्त के नेतृत्व में काम करेगा तथा नगर निगम एवं जीएमडीए के अधिकारी पूरी तरह मदद करेंगे।
आज लघु सचिवालय में डीसी निशांत कुमार यादव ने जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों विभागों की एक तालमेल कमेटी के साथ बैठक की।
उपायुक्त के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया कि जिस इलाके में जिस अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है वह वहां मौके पर जाकर स्थिति का निर्णायक अवलोकन कर प्रबंध करेंगे। उन्हें नगर निगम और क्षेत्रवाद के हिसाब से जीएमडीए अपनी पूरी मशीनरी उपलब्ध कराएंगे। निर्णय के मुताबिक प्रत्येक अधिकारी को 6-7 स्थान दिए गए हैं। जहां पर जलभराव ज्यादा होने की आशंका बनी रहती है।
बरसात होने पर बंद रहेंगे एनएमटी
बैठक में डीसी ने उपस्थित अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात होने पर जिला में बनाए गए नॉन मोटराइज़्ड ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) बंद रखे जाएंगे, इसके लिए धारा 144 लागू के तहत आदेश जारी किए जाएंगे। अंडरपास में भी यदि एक लेवल से उपर पानी भर जाए तो उन्हें बेरिकेटिंग करवाकर बंद करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में जीएमडीए के अधिकारियों ने बताया कि नरसिंहपुर में जलभराव वाले क्षेत्र में मौजूदा वाटर पंप की क्षमता को बढ़ाया गया है। नरसिंहपुर में जीएमडीए की ओर से सत्तर एचपी की क्षमता के दो व पचास एचपी की क्षमता के तीन पंप लगाए गए हैं। वहीं एनएचएआई की तरफ से तीस एचपी की क्षमता के दो वाटर पंप लगाए गए हैं।
जारी किए हेल्पलाइन नंबर
बैठक में बताया गया कि जिला में जलभराव संबंधी शिकायतों के लिए जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर-1800-180-1817 तथा 0124-4753555 जारी किया गया है। इन नंबरों पर संपर्क करके लोग जलभराव संबंधी शिकायते दर्ज करवा सकते हैं।