अमेरिकी संसद पर हमले के 1500 आरोपियों को माफी
वाशिंगटन, 21 जनवरी (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही कई बड़े फैसले लेते हुए विभिन्न शासकीय आदेशों पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने छह जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद भवन परिसर (यूएस कैपिटल) पर हुए हमले के करीब 1500 आरोपियों एवं अपने समर्थकों को क्षमादान दे दिया। वहीं, जलवायु परिवर्तन पर महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने अौर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अलग होने के आदेश पर मुहर लगा दी। दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के शासकीय आदेश पर भी हस्ताक्षर किये। उन्होंने आव्रजन पर नकेल कसने के राजनीतिक वादे को पूरा किया। एक अन्य शासकीय आदेश के जरिये उन्होंने ऐलान किया कि अमेरिका में अब केवल दो जेंडर (पुरुष और महिला) को मान्यता होगी।
पदभार संभालने के पहले ही दिन अपनी व्यापक क्षमादान शक्तियों का उपयोग करते हुए ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल को 6 जनवरी 2021 के प्रतिवादियों के खिलाफ दायर लगभग 450 मामले बंद करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी न्याय विभाग के इतिहास में सबसे बड़ी जांच और अभियोजन को बंद कर दिया।
पिछले चुनाव में ट्रंप की हार के बाद संसद भवन परिसर पर उनके समर्थकों के हमले में 100 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हो गये थे। उन्हें माफी देने का ट्रंप का यह कदम अपेक्षित था, क्योंकि उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान में इसका जिक्र किया था। ट्रंप ने दंगइयों को ‘देशभक्त' करार देते हुए कहा था कि न्याय विभाग ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया। वहीं, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं किया जाना चाहिए।
टिकटॉक’ को राहत : अमेरिका में ‘टिकटॉक’ को प्रतिबंध से फिलहाल राहत देने वाले एक शासकीय आदेश पर भी ट्रंप ने हस्ताक्षर किये। उन्होंने कहा, ‘आज से 75 दिन की अवधि के लिए टिकटॉक पर प्रतिबंध लागू करने के लिए कोई कदम न उठाए जाएं ताकि मेरे प्रशासन को उचित प्रस्ताव तैयार करने का अवसर मिले, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा हो साथ ही ऐसे मंच का संचालन अचानक बंद होने से रोका जा सके जिसका इस्तेमाल लाखों अमेरिकी करते हैं।’ अमेरिका में ‘टिकटॉक’ पर प्रतिबंध लगाने वाला संघीय कानून प्रभावी होने से कुछ घंटे पहले ऐप को शनिवार को बंद किया गया था।
ब्रिक्स देशों पर 100% शुल्क लगाने की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से चेतावनी दी कि अगर ब्रिक्स समूह के देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह कोई दूसरी मु्द्रा लाने के लिए कदम उठाते हैं तो वह उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा, 'अगर ब्रिक्स देश ऐसा करना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम उनके अमेरिका के साथ व्यापार पर कम से कम 100 प्रतिशत शुल्क लगाने जा रहे हैं।' ट्रंप ने कहा कि अगर ये देश वैश्विक व्यापार में डॉलर के इस्तेमाल को कम करने के बारे में सोचते भी हैं तो उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जा सकता है। ब्रिक्स दस देशों- रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का संगठन है।
अब जन्म के अाधार पर नागरिकता नहीं अवैध आव्रजन पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किये और सेना को सीमाएं सील करने काे कहा। उन्होंने अप्रवासियों के अमेरिका में जन्मे बच्चों को खुद-ब-खुद मिलने वाली अमेरिकी नागरिकता के प्रावधान को खत्म करने को आदेश पर भी हस्ताक्षर किये। वहीं, शरणार्थियों के पुनर्वास से जुड़ी योजना पर चार महीने के लिए रोक लगा दी। उधर, अप्रवासी और नागरिक अधिकार समूहों ने कार्यकारी आदेशों को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया।