हिमाचल पर्यटन विकास निगम के 14 होटल जाएंगे निजी हाथों में
शिमला, 9 जुलाई(हप्र)
सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम, एचपीटीडीसी के तहत संचालित 14 घाटे में चल रहे होटलों को निजी क्षेत्र को आउटसोर्स करने का फैसला लिया है। यह निर्णय 28 जून को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था, जिसके बाद अब पर्यटन विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब निगम प्रबंधन को तीन माह के भीतर इस फैसले को लागू करना होगा और क्रियान्वयन की जानकारी विभाग को देनी होगी।
इन होटलों को ऑपरेशन एंड मेंटनेंस आधार पर निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा। सरकार का कहना है कि ये होटल सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस होने के बावजूद घाटे में चल रहे हैं और राज्य सरकार को इनसे कोई राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है।
उल्टा इनकी सैलरी और पेंशन खर्च के लिए सरकार को हर माह ग्रांट देनी पड़ रही थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी कर्मचारियों और पेंशनरों के लंबित भुगतानों को लेकर सरकार को फटकार लगाई थी और घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने तक के निर्देश दिए थे। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि निगम को वित्तीय घाटे से बाहर निकाला जा सके।
पर्यटन विभाग ने इस निर्णय को निगम के पुनर्गठन की दिशा में अहम कदम बताया है। उम्मीद जताई जा रही है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से इन होटलों की सेवाओं में सुधार होगा और साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा।
ये 14 होटल जाएंगे आउटसोर्स पर
होटल हिल टॉप स्वारघाट, लैकव्यू बिलासपुर, बागल दाड़लाघाट, वे-साइड एमनिटी भराड़ीघाट, ममलेश्वर चिंडी, एप्पल ब्लूसम फागू, शिवालिक परवाणू गिरीगंगा खड़ापत्थर, चांश्ल रोहड़ू, टूरिज्म ईन राजगढ़, सरवरी कुल्लू, होटल ओल्ड कसौली, कश्मीर हाउस धर्मशाला और होटल उल्ह जोगिंद्रनगर।