आईजीएमसी, शिमला में 132 आउटसोर्स कर्मियों की छुट्टी, विरोध में हड़ताल
शिमला, 2 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त हो गई है। इसके विरोध में शुक्रवार से आउटसोर्स कर्मचारियों ने अस्पताल में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी प्रभावित होंगी। आईजीएमसी में 132 आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में यह अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। आउटसोर्स कर्मियों से जुड़ी यूनियन ने गेट मीटिंग में यह निर्णय लिया है। यूनियन के मुताबिक अस्पताल प्रशासन और सरकार के रवैये से सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है। जिन कर्मियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें वार्ड अटेंडेंट से लेकर महिला सफाई कर्मी तक शामिल हैं। आज इन कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में अपनी मांगों को लेकर गेट मींटिंग की, जिसमें यह निर्णय हुआ कि कल से सभी आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने कहा कि उन्हें सुपरवाइजर के माध्यम से उनकी सेवाएं समाप्त करने का नोटिस मिला है। इसके अनुसार 1 जनवरी से उनकी रोजी रोटी खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कई विधवा महिलाएं शामिल है जो सालों से यहां सेवाएं दे रहे है। निशा ने बताया कि इसको लेकर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करने का प्रयास किया। लेकिन उनका रवैया कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक है जिसके कारण उन्होंने शुक्रवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है उनके समर्थन में सभी आउट सोर्स कर्मचारी हड़ताल पर जायेंगे।
आईजीएमसी वर्कर्स यूनियन के सदस्य वीरेंद्र ने कहा कि नौकरी से निकाले गए 132 ऑउटसोर्स कर्मचारियों के समर्थन में आईजीएमसी के सभी 500 से 600 ऑउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल आईजीएमसी के कर्मचारी हड़ताल शुरू करेंगे लेकिन अगर इन 132 कर्मचारियों की सेवाएं बहाल नहीं हुई तो अन्य सबंधित यूनियन भी आईजीएमसी में आकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी।