मेवात हिंसा के दौरान 13 मस्जिदों को बनाया गया निशाना
गुरुग्राम, 12 अगस्त (हप्र)
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर जमीअत का प्रतिनिधिमंडल मेवात में लगातार राहत कार्यों, सर्वेक्षण और कानूनी कार्रवाई में लगा हुआ है। जमीअत ने रिलीफ कमेटी, लीगल सेल और सर्वे कमेटियों का गठन किया है।
अपनी पड़ताल में प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि सांप्रदायिक तत्वों ने मुसलमानों के कई धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, उनमें रखी पवित्र पुस्तकों को आग के हवाले कर दिया और कुछ मस्जिदों में तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। अब तक जमीअत उलमा-ए-हिंद ने 13 ऐसी प्रभावित मस्जिदों का दौरा किया है। केवल पलवल में 6 मस्जिदें जलाई गई हैं। होडल में तीन मस्जिदें, सोहना में तीन मस्जिदें और गुरुग्राम में एक मस्जिद जलाई गई है। गुरुग्राम मस्जिद में नायब इमाम की हत्या भी कर दी गई।
इस पर और अधिक राजनीतिक और प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन ने गैर-कानूनी रूप से उल्टे मुसलमानों के घरों और दुकानों को ही ध्वस्त कर दिया है, जिस संबंध में स्वयं हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि यह एक समुदाय के नरसंहार के समान है। अगर हाईकोर्ट स्वतः संज्ञान नहीं लेता तो यह संख्या चार गुना अधिक होती। इसके विपरीत मुसलमानों के घरों को जलाने और उनके धार्मिक स्थलों, पवित्र कुरान का अपमान करने वाले, मस्जिद में मौजूद इमाम और तब्लीगी जमात पर हमला करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं और उनके घर-बार भी सुरक्षित हैं। ये बातें अपनी रिपोर्ट में जमीअत उलमा-ए-हिंद द्वारा गठित प्रतिनिधिमंडल ने लिखी हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, महासचिव जमीअत उलमा-ए-हिंद कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल लगातार राहत एवं पुनर्वास कार्यों में लगा हुआ है।
इस प्रतिनिधिमंडल ने होडल की बाजार वाली और ईदगाह वाली मस्जिद का दौरा किया, जहां हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है। इससे पूर्व वहां राहत कार्यों के लिए कोई और नहीं पहुंचा था, मस्जिद जली हुई और वीरान है।