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ट्रकों पर नजर रखेंगे 13 ‘कोर्ट कमिश्नर’

06:30 AM Nov 23, 2024 IST
नयी दिल्ली में शुक्रवार को कई जगह एंटी स्मॉग गन से किया गया पानी का छिड़काव। - दैनिक ट्रिब्यून

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह 25 नवंबर को इस बात पर विचार करेगा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में गिरावट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ‘ग्रैप-4’ प्रतिबंधों में ढील दी जाए या नहीं।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ‘ग्रैप-4’ प्रतिबंधों, विशेष रूप से दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से संबंधित प्रतिबंध के खराब कार्यान्वयन पर नाराजगी व्यक्त की। न्यायालय ने शुक्रवार को 13 वकीलों को ‘कोर्ट कमिश्नर’ नियुक्त किया जो दिल्ली के विभिन्न प्रवेश स्थलों का दौरा करेंगे और यह पता लगाएंगे कि ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू किया गया है या नहीं। पीठ ने कहा, ‘हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है।’ दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 प्रवेश स्थल हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं। इस बीच, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए राजनीतिक दोषारोपण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक रूप से कदम उठाना होगा।

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केंद्र ने पराली निगरानी समिति गठन पर जताई आपत्ति

केंद्र ने पराली जलाने पर रोक लगाने के उपायों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने के प्रस्ताव का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया। केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वालीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) पर्याप्त उपाय कर रहे हैं तथा एक और निगरानी समिति से कोई फायदा नहीं होगा।

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