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देश के 1200 युवा वैज्ञानिक स्वदेशी तकनीक पर करेंगे चर्चा

06:42 AM Nov 06, 2024 IST
देश के 1200 युवा वैज्ञानिक स्वदेशी तकनीक पर करेंगे चर्चा
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जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 नवंबर
पंजाब विश्वविद्यालय का चंडीगढ़ साइंस कांग्रेस (चैसकॉन) का 17वां संस्करण 6 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। युवा मनों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के साथ विज्ञान पर शोध व इनोवेशन को एक मंच पर साझा करने के उद्देश्य से 2006 से शुरू की गयी साइंस कांग्रेस का आयोजन अब राष्ट्रीय स्तर पर किया जाने लगा है। अगले दो साल के भीतर इसे इटंरनेशनल स्तर पर तक ले जाने की योजना है। यह बात आज चैसकॉन के समन्वयक प्रो. वाईके रावल और सह-समन्वयक प्रो. गौरव ने एक पत्रकार वार्ता में बतायी। उन्होंने बताया कि शुरू में चंडीगढ़ साइंस कांग्रेस में केवल फैकल्टी के चुनिंदा लोग और कुछ बच्चे ही रूचि दिखाते थे मगर आज इसकी सदस्यता संख्या 1200 से भी ज्यादा हो गयी है। जिसमें क्रिक (चंडीगढ़ रीजन इनोवेशन एंड नॉलेज कलस्टर) से जुड़ी संस्थाएं ही नहीं बल्कि हिमाचल पंजाब हरियाणा, दिल्ली और देश के कई अन्य भागों से जुड़ी संस्थाएं भी इसमें सक्रिय भागीदारी कर रही है। प्रो. रावल ने बताया कि इस साल चैसकॉन का थीम ‘विकसित भारत के लिये स्वदेशी तकनीक’ रहेगा। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और एमएचआरडी द्वारा प्रायोजित इस तीन दिवसीय साइंस कांग्रेस में इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी (इनसा) के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा संबोधन देंगे जबकि एशिया-पेशेफिक और जापान की ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर की वरिष्ठ निदेशक श्वेता खुराना मुख्य वक्ता होंगी और नेशनल इनोवेशन फांउडेशन के डॉ. विपिन कौशल, होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट मुंबई से प्रो. वेंकटेश रंगराजन और मोहाली के होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर से प्रो. आशीष गुलिया और पीजीआई के एंडोक्राइनोलॉजी के प्रो. संजय बडाडा भी युवा वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन करेंगे।समन्वयक प्रो. वाईके रावल ने बताया कि दूसरे दिन बेसिक मेडिकल साइंसिस केमिकल साइंस, डेंटल साइंस, इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट साइंसिज, फार्मास्यूटीकल साइंसिस, लाइफ साइंसिस, मैथ और फिजिक्स आदि अनुशासन शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि चैसकॉन के जरिये इंडस्ट्री-एकेडमिया संबंधों को मजबूती दी जायेगी ताकि नीति निर्धारकऔर एकेडमिया युवा शोधार्थियों को बढ़ावा दे ताकि विकसित भारत में वे भी अपना योगदान दे सकें। डीन रिसर्च प्रो. सविता भटनागर, पूर्व डीन रिसर्च प्रो. हर्ष नैयर, इंदु शर्मा, सोनल सिंघल, साक्षी कौशल भी इस मौके पर उपस्थित रहीं।

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