दिल्ली सहित 12 भारतीय शहर विश्व में सर्वाधिक प्रदूषित
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 19 मार्च
पिछले साल दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश रहा भारत। पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान खराब वायु गुणवत्ता वाले शीर्ष दो देश रहे। यही नहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर और बिहार का बेगूसराय सबसे प्रदूषित महानगर के तौर पर दर्ज किये गये। एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की वैश्विक सूची में 15 शहरों में से 12 भारत के हैं।
स्विट्जरलैंड के संगठन ‘आईक्यूएयर’ की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, औसतन वार्षिक 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा। उससे पहले बांग्लादेश (79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और पाकिस्तान (73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) रहे। भारत 2022 में औसतन 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा था। पीएम 2.5 को ‘फाइन पार्टिकुलेट मैटर’ कहा जाता है। ये कण 2.5 माइक्रोन या छोटे आकार के होते हैं और ये सांस लेने के दौरान निचले श्वसन तंत्र तक पहुंच जाते हैं। बेगूसराय औसतन 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगर दर्ज किया गया है जबकि 2022 की रैंकिंग में इस शहर का नाम भी नहीं था। दिल्ली 2018 के बाद से चौथी बार दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुशंसित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक की पीएम2.5 सांद्रता का सामना करना पड़ा।
वायु प्रदूषण से हर साल 70 लाख मौतें
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की वायु प्रदूषण के कारण समय पूर्व मौत हो जाती है। पीएम2.5 वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, कैंसर, आघात और फेफड़ों की बीमारी समेत अनेक बीमारियां हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, यह रिपोर्ट 134 देशों के 7,812 शहरों से वायु गुणवत्ता डेटा का विश्लेषण के बाद तैयार की गयी है।
दक्षिण एशियाई शहरों के लिए चेतावनी
रिपोर्ट जारी करते हुए आईक्यूएयर के वैश्विक सीईओ फ्रैंक हैम्स ने कहा, ‘स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है।’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्ष दक्षिण एशिया के शहरों के लिए चेतावनी है। उनके मुताबिक प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए डीजल-पेट्रोल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से कम करना चाहिए। इसी के साथ साइकिल और पैदल चलने वालों के सुरक्षित ट्रैक निर्माण भी इस दिशा में कारगर हो सकता है।