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11 Years of Modi Government : गरीब की कमाई, राजनीति की लड़ाई; कांग्रेस ने उठाई आवाज, कहा - मोदी सरकार जश्न मना रही है और...

12:36 PM Jun 10, 2025 IST
11 years of modi government   गरीब की कमाई  राजनीति की लड़ाई  कांग्रेस ने उठाई आवाज  कहा   मोदी सरकार जश्न मना रही है और
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नई दिल्ली, 10 जून (भाषा)

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11 Years of Modi Government : कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि सरकार भले ही अत्यधिक गरीबी के 5.3 प्रतिशत हो जाने का जश्न मना रही है, लेकिन प्रतिदिन तीन डॉलर (करीब 250 रुपये) की आय सम्मान के साथ जीने के लिए पर्याप्त नहीं है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार खुद को असहज करने वाले आकंड़ों को दरकिनार कर देती है।

भारत की अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से एक दशक में तेजी से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत रह गई। हालांकि, विश्व बैंक ने अपनी गरीबी रेखा की सीमा को संशोधित कर तीन डॉलर आय प्रतिदिन कर दिया है। खेड़ा ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "मोदी सरकार अत्यधिक गरीबी के गिरकर 5.3 प्रतिशत हो जाने का जश्न मना रही है। लेकिन यह प्रतिदिन तीन डॉलर (250 रुपये) की गरीबी रेखा पर आधारित है। यह भुखमरी से बचने के लिए पर्याप्त हो सकती है, लेकिन निश्चित रूप से सम्मान के साथ जीने के लिए पर्याप्त नहीं है।"

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उन्होंने कहा कि 11 साल के अंतराल के बाद किया गया 2022-23 उपभोग व्यय सर्वेक्षण, एक संशोधित पद्धति के साथ आया, जिसका संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के समय आंकड़ों के साथ सीधी तुलना करना अनुकूल प्रतीत होता है, लेकिन सांख्यिकीय रूप से ऐसा नहीं है। खेड़ा ने दावा किया कि 2017-18 के सर्वेक्षण को दबा दिया गया, और इस तरह संभवतः नोटबंदी और जीएसटी के नतीजों को छुपाया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया की मोदी सरकार आधिकारिक गरीबी रेखा को परिभाषित करने के मुद्दे पर संसद से बचती रही और इससे संबंधित 15 से अधिक सवालों को उसने नजरअंदाज कर दिया। खेड़ा ने कहा, 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का सरकार का दावा हेरफेर किए गए एक सूचकांक पर आधारित है। उनका कहना है, "सीएमआईई डेटा से पता चलता है कि 62.1 करोड़ भारतीय (44) अब भी गरीबी में जीवन जी रहे हैं।''

कांग्रेस नेता ने कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 105वें स्थान पर है, यहां 18.7 प्रतिशत बच्चे कमजोर हैं और 35.5 प्रतिशत बच्चों का कद कम है। खेड़ा ने कहा कि विश्व खुशहाली रिपोर्ट में भारत 118वें स्थान पर है। उनके अनुसार, ये सब आंकड़े सरकार को असहज करने वाले हैं और इसलिए इन्हें दरकिनार कर दिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि गरीबों को मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, सार्वजनिक सेवाओं के लगातार पतन और जीवन की गिरती गुणवत्ता को सहन करने के लिए छोड़ दिया जाता है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के पूंजीपति मित्र पूरी छूट के साथ हजारों करोड़ रुपये लूटते हैं। खेड़ा ने कहा, "यह दो भारत की कहानी है: एक जो सहता है, और दूसरा जो पैसा कमाता है।"

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